उत्तराखंड

Uttarkashi Tunnel Rescue: मजदूरों के बाहर निकलने से पहले PM मोदी ने CM धामी को लगाया फोन



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर, सुरंग में फंसे श्रमिकों की कुशल क्षेम की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने ड्रिलिंग के सभी पहलुओं को समझा और देशवासियों की सुरक्षा के लिए उच्च स्तर पर जागरूकता को बढ़ावा देने का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यह भी दर्शाया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों के साथ-साथ बाहर काम कर रहे लोगों की भी सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान रखा जाए।

प्रधानमंत्री ने बताया कि अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने उनकी सुरक्षा और राहत कार्यों को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया और सरकार की पूरी कड़ी से इस मामले की जाँच और सहायता का वादा किया।

 देहरादून। उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव पर है। मजदूरों से बस चंद मीटर की दूरी और रह गई है। इस पूरे बचाव अभियान पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पुनः फोन कर सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में सुरंग में फंसे श्रमिकों के राहत एवं बचाव कार्य के संबंध में जानकारी ली।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सुरंग में फंसे श्रमिकों का कुशल क्षेम जाना। प्रधानमंत्री ने ड्रिलिंग के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा अंदर फंसे श्रमिकों के साथ ही बाहर राहत बचाव कार्य में जुटे लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। साथ ही प्रधानमंत्री ने आगामी रणनीति पर भी चर्चा की।

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जल्द ही बाहर आ सकते हैं मजदूर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री ने बताया कि मैन्युअली डिगिंग कार्य शुरु कर दिया गया है। अब तक कुल 52 मीटर पाइप को पुश कर लिया गया है। यदि कोई बड़ी अड़चन नहीं आई तो शीघ्र ही सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा। उन्होंने बताया अंदर फंसे सभी श्रमिकों का स्वास्थ्य सकुशल है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटे श्रमिक इंजीनियर विशेषज्ञ अधिकारी हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

पीएम को दी सभी जानकारी

मुख्यमंत्री ने बताया कि अंदर फंसे से सभी श्रमिकों को नियमित रूप से गुणवत्तापूर्ण भोजन भेजा जा रहा है। सभी श्रमिकों से निरंतर डॉक्टर एवं मनोचिकित्सक से भी संवाद करवाया जा रहा है। अंदर फंसे श्रमिकों के परिजनों से भी निरंतर बात करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एसडीआरफ द्वारा स्थापित कम्युनिकेशन सेटअप के अतिरिक्त बीएसएनएल द्वारा टेलिफोनिक कम्युनिकेशन सेटअप को भी स्थापित किया है।

डॉक्टर की है तैनाती

मुख्यमंत्री ने बताया कि फंसे श्रमिकों के निकल जाने के उपरांत सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। उन्होंने बताया एसडीआरएफ, एनडीआरएफ मौके पर तैनात की गई है। डॉक्टर की टीम भी मौके पर मौजूद है। सभी अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट पर रखा गया है।

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