उत्तराखंड

महिला नीति का फाइनल ड्राफ्ट शासन को सौंपा, उत्तराखंड में महिलाओं के उत्थान के लिए बड़ी पहल होगी


उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पत्रकार वार्ता का आयोजन कर मीडिया के समक्ष आयोग द्वारा दो वर्षों के कार्यों का लेखा जोखा रखा। आयोग की अध्यक्ष ने इन दो वर्षो के दौरान आयोग की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं को बताया।

वहीं महिला नीति पर जानकारी देते हुए अध्यक्ष महोदया ने कहा कि महिलाओं के उत्थान के लिए महिला नीति का फाइनल ड्राफ्ट शासन को सौंपा दिया है, जल्द ही इस पर बड़ी पहल होने जा रही है।

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राज्य स्थापना दिवस पर सीएम धामी ने जल्द महिला नीति लागू करने की घोषणा भी की थी, जिससे महिला नीति में प्रदेश की महिलाओं से जुड़े हर विषय को शामिल किया जा सके. जिसमें आर्थिक, सामाजिक, शिक्षा, राजनीतिक, स्वास्थ्य समेत अन्य बिंदु शामिल हैं. उन्होंने कहां की महिला नीति को उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों को देखकर बनाया गया है और इसमें विशेष कर पहाड़ी क्षेत्र को केंद्र बिंदु के तौर पर रखा है। ऐसे में महिला नीति जल्द ही राज्य में लागू होगी. उन्होंने कहा सरकार ने एकल महिला नीति तैयार की है. जिसमें एकल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तमाम प्रावधान किए गए हैं।

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अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि संविदा आउटसोर्स एवं दैनिक वेतन भोगी महिला कार्मिकों को बाल्य देखभाल अवकाश एवं पीआरडी व होमगार्ड विभाग में कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिए जाने हेतु शासन स्तर पर लगातार पत्राचार किया गया जिसकी उपरांत बाल्य देखभाल अवकाश एवं मातृत्व अवकाश संबंधी आदेश पारित हुए जो की कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

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इन दो वर्षों के दौरान कार्यशाला सेमिनार आयोजन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि चमोली एवं रुद्रप्रयाग जिले में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग के वित्तीय सौजन्य से राज्य में संचालित महिला थाना महिला हेल्थ डेक्स की कार्य कुशलता एवं प्रभावशीलता से संबंधित सेमिनार एवं खेल सेमिनार का भी आयोजन कराया गया। वही सितंबर महीने में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से पोषण माह कार्यक्रम का भी आयोजन कराया गया।

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