उत्तराखंड

जानकारी:क्या आपको पता है कि बीयर की बोतल भूरे और हरे रंग की क्यों ? होती है,हम बताते हैं,,पढ़िए,,

नेशनल/डेस्क। वर्तमान समय में करीब 70 से 80 प्रतिशत लोगों को बीयर पीना पसंद है। लेकिन आपने गौर किया होगा कि अधिकतर बीयर की बोतलों का रंग हरे और ब्राउन (भूरे) का होता है।

आप सोच रहे होंगे की बीयर को सफेद रंग की बोतल में क्यों नहीं रखा जाता है? लेकिन इसके पीछे की वजह भी बेहद खास है। तो चलिए कोई देर न करते हुए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों बीयर की बोतलों के रंग हरे और ब्राउन होते हैं? क्या है इसके पीछे का कारण-

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज से कोई सौ साल पहले बीयर की बोतल बनाने वाली कंपनी प्राचीन मिस्र में थी। यहां शुरुआत में बीयर को पारदर्शी बोतलों में भरा (सर्व) जाता था। इस दौरान कुछ बीयर बनाने वाली कंपनियों ने देखा कि बीयर में पड़ा एसिड सूरज की रोशनी और उसकी अल्ट्रा वॉयलेट रेज से रिएक्ट कर रहा है। इस रिएक्शन के चलते लोग बीयर से दूरी बनाने लगे, जिस वजह से बीयर बनाने वाली कंपनियों को नुकसान होने लगा। इसके बाद बीयर निर्माता इसका हल निकालने में जुट गए।

काफी प्रयास के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया। फिर बीयर निर्माताओं ने बीयर के लिए ऐसी बोतलों को सिलेक्ट किया जनपर ब्राउन कलर की कोटिंग चढ़ी थी। निर्माताओं ने दिखा कि ब्राउन कलर (रंग) की बोतलों में बंद बीयर खराब नहीं हुई। खराब इस लिए नहीं हुईं क्योंकि सूरज की रोशनी (किरणों) का असर ब्राउन रंग की बोतलों पर नहीं हुआ।

इसके बाद सब कुछ ठीक चलता रहा। लेकिन दूसरे विश्व युद्ध करे दौरान बीयर निर्माताओं के सामने एक और नई समस्या आ उत्पन्न हो गई। दरअसल, युद्ध के दौरान ब्राउन कलर की बोतलें मिलनी बंद हो गई थी। इस स्थिति में निर्माताओं को फिर से एक ऐसे रंग को सिलेक्ट करने पड़ा जिस पर सूरज की रोशनी का बुरा असर नहीं पड़ सके। तब हरे रंग को चुना गया।

इसके बाद, हरे रंग की बोतलों में बीयर को भरा जाने लगा। साथियों हम उम्मीद करते हैं कि आपको अब पता चल गया होगा कि बीयर की बोतलों के रंग हरे एवं भूरे यानी ब्राउन क्यों होते हैं।

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