उत्तराखंड

खुशखबरीः अब पांच मिनट में पहुंचे सुरकंडा सिद्धपीठ, सिर्फ इतना है किराया…

टिहरीः सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए अग्रसर है। ऐसे में टिहरी से जुड़ी खुशखबरी आ रही है। चंबा मसूरी सड़क मार्ग पर कद्दूखाल कस्बे के ठीक ऊपर पहाड़ की चोटी पर स्थित सिद्ध पीठ सुरकंडा मंदिर में अब दर्शन करने के लिए चढ़ाई करने की जरूरत नहीं होगी। सुरकंडा सिद्धपीठ लाखों श्रद्धालुओं के लिए रोपवे की सुविधा शुरू हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। जिसके साथ ही माता के दर्शन करने के लिए अब श्रद्धालुओं को दो घंटे के थकाऊ सफर यानी की लंबी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी। लोग सिर्फ 5 मिनट में देवी मंदिर पहुंच सकेंगे और दर्शन कर सकेंगे।

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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मां सुरकंडा देवी मंदिर रोपवे सेवा का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्‍यमंत्री ने मां सुरकंडा देवी मंदिर में पूजा- अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि इस क्षेत्र में स्थायी हेलीपेड के निर्माण के लिए भूमि चिन्हित की जाए। सुरकंडा देवी मंदिर जाने के लिए लगभग पांच करोड़ की लागत से बने रोपवे की लंबाई 502 मीटर है। इसकी क्षमता लगभग 500 व्यक्ति प्रति घंटा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रोपवे परियोजना यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन है। राज्य सरकार द्वारा केंद्र की पर्वतमाला योजना के अंतर्गत जनपदों में विभिन्न रोपवे परियोजनाओं के निर्माण के लिए कार्रवाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट में 6 टावर के सहारे 16 ट्रॉलियों का संचालन हो रहा है। प्रत्येक ट्राली में 4 यात्रियों के बैठने की अनुमति होगी। रोपवे से आने-जाने का किराया 177 रुपये रखा गया है।

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बता दें कि अब डेढ़ किमी की चढ़ाई चढ़ने में असमर्थ भक्त रोपवे से 10 मिनट से भी कम समय में देवी के दर्शन करने मंदिर पहुंच सकेंगे। सुरकंडा रोपवे में 16 कैबिन हैं, जिसके ज़रिये एक घंटे में करीब 500 लोग मंदिर दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे। गौरतलब है कि सुरकंडा देवी मंदिर सड़क से 525 मीटर पर है ऐसे में खड़ी चढ़ाई के चलते मंदिर दर्शन को नहीं पहुंच पाते हैं। बुजुर्ग ,बच्चों और दिंव्यागों के लिए अब दर्शन करना आसान हो जाएगा। बता दें कि 2015-16 में पर्यटन विभाग ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में 32 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी थी, लेकिन कोविड के चलते काम को रोकना पड़ा था। अब उद्धाटन के बाद रोपवे सेवा शुरू हो गई है।

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