देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय में भ्रष्टाचार को लेकर किस तरह का बोलबाला है, इसका ताजा मामला सोमवार देर शाम सामने आया। जहां 75 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सचिवालय में तैनात सिंचाई अनुभाग के समीक्षा अधिकारी कमलेश प्रसाद थपलियाल को विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
विजिलेंस सेक्टर देहरादून के मुताबिक आरोपी द्वारा रिश्वत की रकम सिंचाई विभाग के ही रिटायर्ड कनिष्ठ अभियंता के ग्रेच्युटी व फंड लंबित भुगतान के एवज में ₹ 1 लाख रिश्वत आरोपी द्वारा मांगी गई थी। जिसमें 75 हजार पर रजामंदी हुई। इसके बाद शिकायतकर्ता महेश चंद्र अग्रवाल ने इस मामले में विजिलेंस को प्रार्थना पत्र देकर सोमवार देर शाम समीक्षा अधिकारी कमलेश थपलियाल को रिश्वत की रकम देते रंगे हाथों सचिवालय गेट पर ट्रेप करवाया।
वहीं, आरोपी के खिलाफ अधिनियम 1988 संशोधित अधिनियम दो हजार अट्ठारह की समुचित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर जांच जारी है। वहीं, सतर्कता विभाग निदेशक अमित सिन्हा द्वारा विजिलेंस टीम को 10 हजार का इनाम देने की घोषणा की गई है।
क्या था मामला: विजिलेंस से मिली जानकारी के मुताबिक 25 फरवरी 2022 को शिकायतकर्ता महेश चंद्र अग्रवाल ने एक पत्र विजिलेंस को दिया था। जिसमें बताया गया कि वह 30 अप्रैल 2008 को उत्तराखंड सिंचाई विभाग के अंतर्गत मनेरीभाली परियोजना से कनिष्ठ अभियंता के पद पर सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के दौरान सिंचाई विभाग स्टोर से सम्बंधित कुछ मदो में समान कमी के चलते शिकायतकर्ता की ग्रेच्युटी से साल 2013 में कटौती की गई। ऐसे में शिकायतकर्ता द्वारा अपनी भुगतान लंबित होने के चलते उत्तराखंड ट्रिब्यूनल कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। सुनवाई के बाद ट्रिब्यूनल न्यायालय ने शिकायत कर्ता के पक्ष में निर्णय दिया गया।
शिकायतकर्ता के मुताबिक एक लाख की रिश्वत देने में असमर्थता जताते हुए भ्रष्ट अधिकारियों से 75 हजार में सौदा तय किया गया। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए 28 फरवरी 2022 सोमवार देर शाम सचिवालय गेट के बाहर आरोपित समीक्षा अधिकारी द्वारा बुलाया गया। जहां अनिल पुरोहित द्वारा समीक्षा अधिकारी केपी थपलियाल को रिश्वत की रकम देते समय विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया।




