उत्तराखंड

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में सतर्कता पर जागरूकता की गूंज, ‘साझी जिम्मेदारी’ पर हुई सार्थक चर्चा

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) के जंतु एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के सभागार में “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी” विषय पर कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें अनेक विद्वान वक्ताओं ने सतर्कता के सामाजिक, प्रशासनिक और नैतिक पक्षों पर अपने विचार साझा किए।

मुख्य वक्ता अधिवक्ता शशि मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सतर्कता केवल एक शब्द नहीं, बल्कि ईमानदारी, निष्ठा और उत्तरदायित्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि एक सतर्क व्यक्ति न केवल स्वयं गलतियों से बचता है, बल्कि दूसरों को भी सही दिशा में प्रेरित करता है।

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मुख्य अतिथि प्रो. एच. एस. सिंह, पूर्व कुलपति, शाकुम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर ने कहा कि भारत की 65 प्रतिशत युवा आबादी देश की सबसे बड़ी शक्ति है। यदि युवा वर्ग नैतिकता और कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करे तो भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल कानून से नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों और पारदर्शिता से संचालित होते हैं।

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कार्यशाला की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति ने की। उन्होंने कहा कि सतर्कता का पहला कदम जागरूकता है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करना चाहिए। कुलसचिव प्रो. विपुल शर्मा ने कहा कि “भ्रष्टाचार से लड़ना केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। ‘सतर्क भारत, समृद्ध भारत’ का यही संदेश इस अभियान की आत्मा है।”

मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो. देवेंद्र सिंह मलिक ने प्रतिभागियों को सतर्कता संबंधी बिंदुओं की जानकारी दी और सभी को सतर्कता की शपथ दिलाई।

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कार्यक्रम का संचालन संयुक्त कुलसचिव एवं उप-सतर्कता अधिकारी देवेंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर लॉ ऑफिसर एम्स ऋषिकेश प्रदीप चंद्र पांडेय, प्रो. नमिता जोशी, प्रो. एल. पी. पुरोहित, प्रो. मुकेश कुमार, डॉ. भारत वेदालंकार, डॉ. कपिल गोयल, डॉ. संदीप कुमार समेत विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापक, कर्मचारी, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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