उत्तराखंड

धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की प्रक्रिया शुरू, भैरवनाथ की अंतिम पूजा आज, सायंकाल आरती के बाद होंगे बंद

Advertisement

भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो है। इसके तहत शनिवार को दोपहर बाबा केदार के क्षेत्रपाल भगवान भुकुंड भैरवनाथ की अंतिम पूजा की जाएगी। इसके साथ ही केदारनाथ मंदिर में बाबा केदार की सांयकालीन आरती भी बंद हो जाएगी।

बता दें कि भैयादूज पर्व पर श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। समुद्रतल 11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के रक्षक व क्षेत्रपाल के रूप में पूजनीय भकुंड भैरवनाथ की शनिवार दोपहर एक बजे से विशेष-पूजा-अर्चना शुरू होगी। इस दौरान देश की सुख-संपन्नता के लिए यज्ञ-हवन किया जाएगा। इसके बाद दोपहर तीन बजे भगवान भुकुंड भैरव की इस साल की अंतिम पूजा होगी। इसके बाद शीतकाल के लिए पूजन बंद हो जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  स्मार्ट समिट देहरादून: जिलाधिकारी सोनिका ने इन्वेस्टर समिट की तैयारियों के लिए एयरपोर्ट जौलीग्रांट से दिलाराम चौक तक निरीक्षण करते हुए निर्माण और सौंदर्यीकरण कार्यों का मूल्यांकन किया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

इधर, केदारनाथ मंदिर में भी श्रद्धालु दोपहर 12 बजे तक ही बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे। इसके बाद मंदिर को भक्तों के दर्शनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में साफ-सफाई की जाएगी। दोपहर एक बजे मंदिर के मुख्य पुजारी शिव लिंग, धर्माचार्य, वेदपाठी, अधिकारी-कर्मचारी व भैरवनाथ के तीर्थपुरोहित भैरव शिला के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां पर धार्मिक परंपराओं का निर्वहन कर दोपहर तीन बजे भैरवनाथ मंदिर में साल की अंतिम पूजा होगी। शाम 4 बजे से केदारनाथ मंदिर में भक्त दर्शन कर सकेंगे। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया भगवान भकुंड भैरव की पूजा बंद होने के उपरांत भी केदारनाथ की यात्रा चलती रहेगी। भैयादूज पर्व पर 15 नवंबर को मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे।

यह भी पढ़ें 👉  स्मार्ट वर्क:देहरादून स्मार्ट सिटी का सपना पूरा होने को,सिटी एडवाइजरी लेवल फोरम का हुआ मंथन

Most Popular

To Top