टीएचडीसी ने कर्नाटक में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए केपीसीएल और केआरईडीएल के साथ किया समझौता


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ऋषिकेश,10 नवम्बर। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.के. विश्नोई ने दूरदर्शी मार्गदर्शन के अंतर्गत बैंगलोर में होने वाले कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (केपीसीएल) और कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा विकास लिमिटेड (केआरईडीएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य कर्नाटक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास को प्रोत्साहित करना है।
कॉरपोरेटर संचार के अपर महाप्रबंधक डॉ. ए. एन. त्रिपाठी ने बताया है कि इस सहयोगात्मक प्रयास में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का विकास शामिल है, जिसमें फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं, पंप स्टोरेज परियोजनाएं, और हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं की संचयी क्षमता लगभग 3270 मेगावाट है।
इस मौके पर, ऊर्जा मंत्री के. जे. जॉर्ज की उपस्थिति में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.के. विश्नोई ने बताया कि यह साझेदारी न केवल स्वच्छ ऊर्जा के प्रति टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि कर्नाटक की अग्रणी विद्युत संस्थाओं के सहयोग से इस क्षेत्र के विद्युत परिदृश्य के लिए एक आशाजनक प्रगतिगामी मार्ग भी प्रशस्त करता है।
केपीसीएल का प्रतिनिधित्व करते हुए, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं केपीसीएल के प्रबंध निदेशक, गौरव गुप्ता एवं और केआरईडीएल की ओर से के.पी. रुद्रप्पैया, प्रबंध निदेशक, केआरईडीएल द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। । टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर विजय कुमार, विशेष अधिकारी समन्वय, संदीप सिंघल, सीजीएम (एनसीआर) और मल्लिकार्जुन, डीजीएम भी उपस्थित थे।
त्रिपाठी ने बताया कि टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
