उत्तराखंड

छाम गांव का अनोखा निर्णय: सेवा भावना के प्रतीक देवाशीष को सौंपा नेतृत्व

देवप्रयाग, टिहरी गढ़वाल।
देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले छाम गांव में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक फैसला लिया गया है। गांववासियों ने आपसी सहमति से देवाशीष रतूड़ी को ग्राम प्रधान चुना है। खास बात यह रही कि इस बार कोई चुनाव नहीं हुआ, न ही कोई प्रचार-प्रसार या खींचतान देखने को मिली।

गांव के लोगों ने एकजुट होकर तय किया कि वे अब राजनीति की बजाय विकास को प्राथमिकता देंगे। उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि गांव के लिए ऐसा नेतृत्व चुना जाए जो वास्तव में काम करे और लोगों की जरूरतों को समझे।

यह भी पढ़ें 👉  डीएम सविन बंसल ने दिखाई दून मैराथन को झंडी, 700 धावकों ने भरी दौड़ में ऊर्जा की उड़ान

देवाशीष रतूड़ी पढ़े-लिखे हैं और लंबे समय से गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, और युवाओं के लिए स्वरोजगार के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उनकी साफ छवि और सेवा भावना को देखते हुए सभी ने एकमत होकर उन्हें ग्राम प्रधान बनाने का फैसला किया।

यह भी पढ़ें 👉  गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में महर्षि दयानन्द पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न, वैदिक विचारों से गूंजा सभागार

गांव के एक बुजुर्ग ने बताया,
“हर बार चुनाव में आपसी लड़ाई-झगड़े होते थे। अब हम सबने मिलकर सोचा कि क्यों न आपसी सहमति से एक अच्छा नेता चुना जाए जो सभी के लिए काम करे। देवाशीष इसमें सबसे बेहतर लगे।”

यह भी पढ़ें 👉  “मेरी योजना” पुस्तक से युवाओं को जोड़ने की पहल — एसजीआरआर विश्वविद्यालय में जागरूकता गोष्ठी आयोजित

गांव के इस कदम की पूरे इलाके में सराहना हो रही है। लोग इसे बदलाव की शुरुआत मान रहे हैं। छाम गांव का यह निर्णय दिखाता है कि अगर जनता एकजुट हो जाए तो बिना झगड़े और चुनावी खर्च के भी अच्छा नेतृत्व चुना जा सकता है।

SGRRU Classified Ad

The Latest

To Top