प्रसार:वैद्य एम.आर.शर्मा हिंदी भाषा मे बोल चाल को भी दे रहे बढ़ावा:कौशिक


हरिद्वार। आपने देश और दुनिया में अनेक वैद्य देखें होगें उनसे अपनी इलाज भी कराया होगा। आपने वैद्य से नाड़ी दिखाकर बीमारी का उपचार कराया होगा। आपने अपने आस-पास के वैद्यों से दवा भी करायी होगी मगर आज हम आपको एक ऐसे वैद्य से परिचय कराने जा रहे है। जहां पर वैद्य की उगंली बोलती है। वैद्य की उंगुली चमत्कार बिखेरती है। उंगुली पुरे शरीर का स्कैन करती है। उंगुली कैंसर और अद्वितीय बीमारियों का इलाज का खुलासा करती है। आखिर कौन है ऐसा वैद्य जिसका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा चुका है। दिग्गज वैद्य भी उस उंगुली वाले वैद्य के सामने बौने दिखाई पड़ते है।
आपकी मुलाकात उंगुली वाले वैद्य से कराते है। जिनका नाम एम.आर. शर्मा वैद्य है जो उंगुली या नाड़ी से इलाज कर लोगो को दर्दनाक बिमारीयो से निजात दिला रहे है।
विनय कुमार शर्मा मेरठ से नाडी वैद्य एम आर शर्मा से एक बिमारी को लेकर बातचीत हुयी। उन्होने बताया कि मेरी माता जी के पेट में लम्बे समय से एक बिमारी लगी हुयी थी। उस बिमारी को लेकर मेरठ में पेट और आतो का स्कैन कराया था। साथ में एक्सरे भी कराये थे। मेरठ शहर के सुप्रसिद्व चिकित्सको द्वारा ईलाज भी कराया गया। मगर बिमारी का पता सही तरह से नही चल सका।
मेरे एक दोस्त ने मुझे अवगत कराया हरिद्वार में एक वै़द्य है जिसका नाम एम आर शर्मा है। वै़द्य शर्मा के सन्दर्भ में हरिद्वार मे खोजबीन की गई तो पता चला कि हरिद्वार में नाडी का वै़द्य है। जो हफते में एक बार बैठता है। जिस दिन वो बैठता है उस दिन मरीज छप्पर फाडकर दिखायी देते है। मरीजो की संख्या भी बहुत अधिक होती है। अपने मित्रो के सहयोग से नाडी के वै़द्य तक पहुचने में सिद्व हुआ।ओर अपनी माताजी को वै़द्य जी को दिखाने में कामयाब हुआ। वै़द्य जी ने नाडी देखकर माताजी की बिमारियो को एक पल में ही बता दिया। आज मेरी माता जी वै़द्य जी के इलाज से स्वस्थ्य है।इस तरह के यथार्थ चित्रण अपनी आखों से देखे है और सुने भी है।
इन सत्य घटनाओ को लेकर मेरे जहन मे वै़द्य एम आर शर्मा का व्यक्ैितत्व व कृत्तव उतरने लगा। इस घटना का चित्रण मैने अपने सहयोगी हेमन्त ंिसह नेगी और कुलभूषण शर्मा से किया। हिन्दी प्रोत्साहन समिति द्वारा वै़द्य एम आर शर्मा का सम्मान किया जा सकता है। इस तरह के अभियान को धारधार देने में दोनो सहयोगियो से वार्ता के पश्चात सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। ं वै़द्य एम आर शर्मा के कलात्मक पक्ष को लेकर उनका सम्मान उनके आवास पर किया ।
हरिद्वार चरक सहितां प्राचीन भारतीय चिकित्सा का मूल आधार है।जिसमें सभी असाध्य रोगों का निदान समाहित है। आज भारत ही नही समूची दुनिया प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक पद्वति व हिंदी भाषा के प्रति आकर्षित हो उसे तेजी से अपना रही है। यह विचार नगर के जानेमाने नाडी वैद्य एम.आर.शर्मा ने हिंदी प्रोत्साहन समिति द्वारा गुरुकपा औषधालय मे सम्मानित किये जाने के अवसर पर व्यक्त किये।उन्होंने कहा की वह यह सम्मान हरिद्वार नगर की जनता को समर्पित करते है। उनका जीवन जनसेवा को समर्पित है।उन्होंने कहा की उनके पास आने वाले रोगियों मे बडी संख्या ग्रामीण परिवेश से आने वाले रोगियों की होती है।जिनसे वह हिंदी भाषा के माध्यम से सरल व साधारण भाषा मे संवाद कर उनके रोग का उपचार करते है।
उन्होंने लोगों से अपने दैनिक जीवन मे अधिक से अधिक हिन्दी भाषा को अपनाने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर संस्था के प्रदेश अध्यक्ष डा.पंकज कौशिक,प्रदेश महामंत्री कुलभूषण शर्मा व प्रदेश कोषाध्यक्ष हेमंत नेगी ने कहा की जब समाज मे विशेष स्थान रखने वाले व्यक्ति आम जनता से कोई अपील करते है तो उसका सकरात्मक संदेश समाज मे जाता है।
वैध जी द्वारा आगे आकर हिन्दी भाषा को प्रोत्साहित करने से समाज मे एक नया संदेश जायेगा जो लोगों को हिन्दी भाषा के प्रति प्रोत्साहित करेगा।




