उत्तराखंड

लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का पैदल चलकर किया स्थलीय निरीक्षण; बोले- प्रदेश के लिए वरदान

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर अगले छह माह के भीतर वाहन फर्राटा भरते नजर आएंगे। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद न सिर्फ दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी 235 किलोमीटर की जगह 213 किलोमीटर रह जाएगी बल्कि छह लेन के आकार के चलते यह दूरी महज ढाई घंटे में पूरी कर ली जाएगी। वर्तमान में दिल्ली पहुंचने में कम से कम छह घंटे लग जाते हैं। लेकिन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर अगले छह माह के भीतर वाहन फर्राटा भरते नजर आएंगे। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद न सिर्फ दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी 235 किलोमीटर की जगह 213 किलोमीटर रह जाएगी, बल्कि छह लेन के आकार के चलते यह दूरी महज ढाई घंटे में पूरी कर ली जाएगी। वर्तमान में दिल्ली पहुंचने में कम से कम छह घंटे लग जाते हैं। सोमवार को एक्सप्रेस-वे (Delhi Dehradun Expressway) के कार्यों का निरीक्षण करते हुए लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज ने काम की रफ्तार पर संतोष जताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि लक्ष्य के मुताबिक मार्च 2024 तक प्रोजेक्ट पूरी तरह जनता को समर्पित कर दी जाएगी।





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बचेगा समय और आर्थिक गतिविधियां भी होंगी तेज: मंत्री
प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, संस्कृति, धर्मस्व एवं जलागम, मंत्री सतपाल महाराज ने दिल्ली-देहरादून इकोनोमिक कारिडोर और टनल का पैदल चलकर स्थलीय निरीक्षण करने के बाद कहा कि यह कारिडोर हमारे लिए एक वरदान है। इसके बनने से हम मात्र ढाई से तीन घंटे में दिल्ली पहुंच जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसका निर्माण तेजी से चल रहा है और इसमें जो 3.60 किमी उत्तराखंड का हिस्सा है उसमें मार्च 2024 तक कार्य पूर्ण हो जायेगा। लोनिवि मंत्री महाराज ने कहा कि दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर के पास डी.एम.ई.से प्रारंभ होता है और शास्त्री पार्क, खजूरीखास, मंडोला, खेकड़ा (बागपत) में ईपईई इंटरचेंज के माध्यम से मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग 709 बी पर जाता है। इसके बाद बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिलों से गुजरने वाला ग्रीनफील्ड राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-344 जी), सहारनपुर बाईपास पर मिलता है। इसके बाद मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग 344 और राष्ट्रीय राजमार्ग 307 का अनुसरण करता है जो छुटमलपुर, गणेशपुर, मोहंड, डाट काली देवी स्थित सुरंग से होकर आशारोडी देहरादून पर समाप्त होता है।

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महाराज ने कहा कि यह संपूर्ण परियोजना ईपीसी मोड पर है कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 113 किलोमीटर 6 लेन (एक्सेस कंट्रोल) है। इस परियोजना की लागत 11970 करोड़ के लगभग है। इसे न्यूनतम 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के हिसाब से डिजाइन किया गया है। वर्तमान में देहरादून से दिल्ली की दूरी 235 किलोमीटर है जो कि इस कॉरिडोर के बनने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी। लोक निर्माण मंत्री महाराज ने कहा कि दिल्ली सहारनपुर देहरादून आर्थिक गलियारे के निर्माण से इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग के लिए यह एक वरदान साबित होगा। इस कॉरिडोर में 5 आरओबी, 110 वाहन अंडर पास, आबादी क्षेत्र में 76 किमी सर्विस रोड तथा 29 किमी एलिवेटेड पोर्शन और 16 एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स हैं।

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महाराज ने कहा कि गणेशपुर से देहरादून (भाग-4) 20 किमी भाग वन्यजीव क्षेत्र से गुजर रहा है। जंगली जानवरों की आवाजाही प्रभावित न हो, वह एक से दूसरे जंगल में जा सकें इसके लिए इस भाग में 12 किलोमीटर लंबाई वाला एशिया का सबसे लंबा वन्य जीव गलियारा एवं 1995 करोड़ की लागत की 340 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान एनएचएआई परियोजना निदेशक पंकज मौर्य, अभियंता रोहित पंवार, टीम लीडर के.के. जैन, परियोजना प्रबंधक मोहन, परियोजना उपाध्यक्ष अतुल कुमार आदि मौजूद थे।

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