Entertainment

धर्म:श्रीकृष्ण जन्म कथा सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

टिहरी। संगम नगरी देवप्रयाग के निकट ग्राम कांडी (बागड़ियों की) में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की जन्म लीला का प्रसंग सुनकर भावविभोर हो उठे। कथा वाचक पंडित संदीप डंगवाल ने भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण के पीछे छिपे दिव्य रहस्यों को सरल और मार्मिक शैली में प्रस्तुत किया।

Oplus_131072

उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अधर्म बढ़ता है और धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान स्वयं अवतरित होकर पृथ्वी पर संतुलन स्थापित करते हैं। अत्याचारी कंस के पापों से जब धरती कांप उठी, तब भगवान ने श्रीकृष्ण रूप में अवतार लेकर दुष्ट शक्तियों का संहार किया और भक्तों का उद्धार किया।

Oplus_131072

कथा वाचक ने बताया कि सात संतानें खोने के बाद जब देवकी पुनः गर्भवती हुईं, तो उन्हें अपने आठवें पुत्र की रक्षा को लेकर चिंता सताने लगी। परंतु यह प्रभु की लीला थी — भगवान के जन्म लेते ही कारागार के सभी बंधन टूट गए और श्रीकृष्ण चमत्कारिक रूप से गोकुल पहुंच गए।

Oplus_131072

गोकुल में श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं जैसे माखन चोरी और मां यशोदा से उनका प्रेममय संवाद श्रद्धालुओं के हृदय को छू गया। उन्होंने बताया कि भगवान को न तो धन, न पद, न प्रतिष्ठा से बांधा जा सकता है, वे तो केवल निष्कलंक प्रेम से ही बंधते हैं। मां यशोदा की दयनीय दशा देखकर स्वयं प्रभु बंधने को तैयार हो गए — यही उनकी करुणा और वात्सल्य की महिमा है।

यह भी पढ़ें 👉  "स्वास्थ्य सेवा में समर्पण का प्रतीक: श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल"

 

श्रवण कक्ष में भक्तजनों ने कथा के हर प्रसंग में भक्ति भाव से डूबते हुए ‘जय श्रीकृष्ण’ के जयघोष के साथ वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

यह भी पढ़ें 👉  धामी की नई पहल: हर महिला के हाथ में होगा रोजगार का औजार

 

 

 

 

The Latest

To Top