उत्तराखंड

मांगों पर कार्रवाई न होने से नाराज राज्य आंदोलनकारी ने किया सचिवालय कूच

Advertisement

देहरादून। राज्य आंदोलनकारियों का जल्द चिन्हीकरण करने की मांग को लेकर उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद के बैनर तले विभिन्न सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने सचिवालय कूच किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इसके बाद राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपना गुस्सा जाहिर किया।
अखिल भारतीय जनवादी महिला मंच की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदु नौडियाल का कहना है कि उत्तराखंड राज्य गठन को 23 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक राज्य गठन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 23 साल बाद भी यहां के लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. क्योंकि, शराब और भू माफिया प्रदेश का दोहन कर रहे हैं. खनन माफिया यहां के खनिज संसाधनों पर अपना कब्जा जमा कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023: आवास विभाग द्वारा 10 हजार 500 करोड़ के निवेशों का ऐलान

वहीं महिला मंच की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदु नौडियाल का कहना है कि यह राज्य आम उत्तराखंडी नागरिकों के मूलभूत विकास के लिए बना था, लेकिन इस राज्य को राष्ट्रीय दलों ने मुख्यमंत्री की प्रयोगशाला बना दिया। राज्य आंदोलनकारियों और जन संगठनों ने उत्तराखंड आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण को जल्द पूरा किए जाने की मांग उठाई है। उनका कहना था कि राज्य निर्माण में कई लोगों ने अहम भूमिका निभाई, लेकिन कई ऐसे सक्रिय साथी भी हैं, जो इस प्रक्रिया से छूट गए थे। उनका चिन्हीकरण सरकार जल्द कराए। वहीं, अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड आंदोलनकारी संयुक्त परिषद ने जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को एक ज्ञापन भी भेजा, जिसमें उन्होंने आंदोनलकारियों का चिन्हीकरण, एक समान पेंशन भत्ता, मूल निवास 1950 लागू करने और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर धारा 371 लागू करने की मांग उठाई।

यह भी पढ़ें 👉  सामर्थ्य और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम: बिल लाओ इनाम पाओ योजना की मुद्दों में वृद्धि

Most Popular

To Top