उत्तराखंड

सरकार के खिलाफ यूकेडी का हल्लाबोल, विधानसभा घेराव के दौरान पुलिस से झड़प

देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने आज विधानसभा पर सैकड़ों की संख्या में विशाल प्रदर्शन किया। यूकेडी के साथ सिंचाई और तमाम विभागों मे भर्ती के मांग कर रहे बेरोजगार भी शामिल थे। नेहरू कॉलोनी के फव्वारा चौक से सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी झंडे और तख्तियां लिए हुए विधानसभा घेराव के लिए चलते हुए सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी कर रहे थे।

प्रदर्शनकारियों को विधानसभा के पास बैरिकेडिंग बनाकर भारी पुलिस बल ने रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारी पुलिस बल से ही भिड़ गए और जमकर धक्का-मुक्की की। वरिष्ठ यूकेडी कार्यकर्ताओं के समझाने बुझाने पर प्रदर्शनकारी शांत हो सके और फिर वहीं पर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करते रहे। कुछ देर बाद मौके पर मजिस्ट्रेट ने यूकेडी कार्यकर्ताओं से ज्ञापन दिया और आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों से सरकार को अवगत करा दिया जाएगा।

उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय मीडिया तथा युवा प्रकोष्ठ प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। सीएम से सिंचाई विभाग में 228 पदों पर भर्ती, अंकिता हत्याकांड, यूकेएसएसएससी, विधानसभा घोटाले, सचिवालय सहित समस्त विभागों में हुई भर्ती घोटालों की जांच सी बी आई से कराये जाने की मांग की गयी।

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यूकेडी नेता शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं से जो वायदे किये थे, चुनाव जीतने के बाद ठीक विपरीत काम कर रही है। भर्ती मे पद समाप्त कर दिये गये हैं।महिलाओं से भाजपा नेता ही बलात्कार कर रहे हैं और भाजपा सरकार उन्हें बचा रही है।

प्रदर्शन मे शामिल बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाॅबी पंवार ने कहा कि सरकार तत्काल रिक्त पदों पर भर्ती कराये।उन्होंने कहा कि हमारे राज्य को अस्तित्व में  22 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी हमें वह राज्य नहीं मिला जिसके लिए हमने इतनी बड़ी कुर्बानी दी। अब तक की सरकारों ने दिल्ली की केन्द्र सरकार के संरक्षण में बाहरी माफियाओं से मिलकर राज्य के संसाधनों का दोहन किया। जल, जंगल, जमीन के अधिकार हमारे पहले ही छीने जा चुके थे बाकी रहे सहे अधिकार भी राज्य बनने के बाद हमसे छीन लिए गए। हमारी परिसंपत्तिया आज भी उत्तर प्रदेश के कब्जे में है। बिना स्थाई राजधानी का यह राज्य स्वतंत्र राज्य होने के बावजूद उत्तरप्रदेश का उपनिवेश बनकर रह गया है।

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केंद्रीय उपाध्यक्ष सुनील ध्यानी ने कहा  कि अंकिता भण्डारी की निर्मम हत्या की जांच सी बी आई से अथवा माननीय उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाय। तथा रिसॉर्ट में आने वाले तथाकथित वी आई पी का नाम पता लगाकर उसका नाम सार्वजनिक किया जाय।

 

युवा मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष लूशुन टोडरिया ने कहा कि यू के एस एस एस सी भर्ती घोटाले एवमं विधानसभा में वर्ष 2000 से 2022 तक हुई सभी नियुक्तियों की जांच सी बी आई अथवा माननीय उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराई जाय।  2000 में पटवारी भर्ती से प्रारम्भ हुए और 2022 तक उत्तराखण्ड सचिवालय सहित राज्य सरकार के सभी विभागों में हुई भर्तियों की जांच सी बी आई से कराई जाय ।

 

महिला मोर्चा की केंद्रीय अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि हेलंग में घसियारियों के साथ बदसलूकी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जाय तथा घसियारियों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाए। युवा मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र बिष्ट ने कहा कि देश का सीमांत राज्य होने के कारण सामरिक दृष्टि एवं पलायन रोकने के लिए राज्य के मध्य में स्थित गैरसैंण को राज्य की स्थाई राजधानी घोषित किया जाय।

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वर्ष 1950 से उत्तराखण्ड राज्य की परिधि के अंदर निवास करने वाले सभी नागरिकों को मूलनिवास प्रमाण-पत्र जारी करते हुए स्थाई निवास की व्यवस्था समाप्त की जाय ।  केंद्रीय महामंत्री मोहन असवाल ने कहा कि समान भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक परिवेश वाले हिमाचल प्रदेश की भांति उत्तराखण्ड में भी सशक्त भू-कानून लागू किया जाय।

 

प्रदर्शन में उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर शक्ति शैल ,सुनील ध्यानी ,एपी ज्यादा, जयप्रकाश उपाध्याय, राजेन्द्र गुसाईं, सुरेंद्र सिंह चौहान, सुरेंद्र कुकरेती, लताफत हुसैन, राजेश्वरी रावत, राजेंद्र बिष्ट, दीपक रावत, महानगर अध्यक्ष विजेंद्र रावत, सविता श्रीवास्तव, सुशीला पटवाल ,नीलम लखेरा, संजीव भट्ट, बिपिन रावत, शैलेश गुलेरी देवेंद्र कंडवाल, अतुल बेंजवाल, जितेन्द्र पंवार, टी एस राणा, रवींद्र सेमवाल टीकम राठौर अनिल डोभाल  और वरुण शर्मा सहित सैकड़ों यूकेडी तथा बेरोजगार युवा शामिल थे।

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