उत्तराखंड

पंचकेदार: बंद हुए द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट, सैंकड़ों श्रद्धालु बने साक्षी

लक्ष्मण सिंह नेगी

ऊखीमठ। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात मद्महेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए आज सुबह आठ बजे विधि-विधान से बंद हो गये हैं। आज सुबह चार बजे मंदिर खुलने के के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर के निर्वाण दर्शन किये। इसके बाद पुजारी शिवशंकर लिंग ने भगवान मद्महेश्वर को समाधि पूजा शुरू की तथा भगवान को भस्म, भृंगराज फूल, बाघांबर से ढक दिया। इस तरह भगवान मद्महेश्वर को समाधिरूप दिया गया। इसके साथ ही भगवान मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। कपाट बंद होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली को मंदिर परिसर में लाया गया।

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कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली को मंदिर परिसर में लाया गया। इस दौरान भगवान मद्महेश्वर ने अपने भंडार, बर्तनों का निरीक्षण भी किया। इसके बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली ने रात्रि विश्राम के लिए गौंडार प्रस्थान किया। भगवान की चल विग्रह डोली 19 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी, 20 नवंबर को गिरिया पहुंचेगी‌।

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कार्याधिकारी आर सी तिवारी एवं मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि 21 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। इस अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री मद्महेश्वर मेले का भी आयोजन होता है‌।

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इस अवसर पर मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी मनीष तिवारी, मृत्युंजय हीरेमठ, सूरज नेगी, प्रकाश शुक्ला, दिनेश पंवार, बृजमोहन सहित रांसी, गौंडार के हक हकूकधारी तथा वन विभाग सहित प्रशासन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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