उत्तराखंड। प्रदेश में ठंड का असर दिखना शुरू हो गया है। टेम्परेचर धड़ाम होता जा रहा है। जिसके कारण मैदानी क्षेत्र में ठंड बढ़ने लगी है। यही कारण है कि मौसम के वैज्ञानिकों ने इस बार ज़बरदस्त ठंड का अलर्ट दे दिया है,इसीलिए इस बार एतिहात बरतने की कुछ अधिक आवश्यकता होगी। खासकर बीमार लोगों को अधिक एहतियात बरतनी होगी।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून देरी से विदा होने के कारण अभी से असर दिखने लगा है। दिवाली की रात इस साल की सबसे सर्द रात रही है। तराई से लेकर पहाड़ तक न्यूनतम तापमान में सामान्य से दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।
पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह के मुताबिक दिवाली की रात तराई का अधिकतम तापमान 29 डिग्री और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। सड़कों पर पाला गिरने से रात के समय तापमान भी लगातार नीचे आने लगा है।
उधर, आपदा प्रबंधन के मुताबिक इस बार नवंबर माह की शुरुआत में ही तापमान 6 डिग्री पहुंचा है। बीते सालों तक यह हालात 20 नवंबर के बाद रहता था। जो कि चिंता का विषय बताया जा रहा है। मौसम के जानकारों ने भी अधिक ठंड की चेतावनी दी है।
ला-नीना के असर के कारण मौसम विभाग ने उत्तर भारत के साथ ही उत्तर पूर्व एशिया में ठंड की चेतावनी जारी की है। इस साल प्रशांत क्षेत्र में ला-नीना तेजी से उभर रहा है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होना शुरू हो जाता है।
बता दें कि समु्द्र का पानी ठंडा होने की प्रक्रिया को ला-नीना और गर्म होने की प्रक्रिया को अल-नीनो कहते हैं। इसका सीधा असर हवाओं पर पड़ता है।



