उत्तराखंड

उत्तराखंड के 33 युवा भारतीय सेना का बने हिस्सा, प्रेम और गर्वित जोशी बने लेफ्टिनेंट…

हल्द्वानी: देश के सरहदों की हिफाजत में उत्तराखंड का नाम सबसे पहले आता है। मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करना देवभूमि की पुरानी परंपरा रही है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड के 33 युवा भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं। जिसमें हल्द्वानी के प्रेम प्रकाश चंदोला और रानीखेत के गर्वित जोशी आइएमए की पासिंग आउट परेड में अंतिम पग भर सेना का अभिन्न अंग बन गए। दोनों युवाओं की कामयाबी से प्रदेश में खुशी की लहर है।

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गर्वित लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना में अफसर बनने के बाद आम्र्ड-18 कैवलरी में अपनी सेवाएं देंगे। तो वहीं हल्द्वानी गोरापड़ाव ( हाथीखाल) के रहने वाले प्रेम प्रकाश चंदोला लेफ्टिनेंट (lieutenant PREM PRAKASH CHANDOLA) बने हैं। मूल रूप से विन्तोली, दफौट बागेश्वर के रहने वाले लेफ्टिनेंट प्रेम प्रकाश चंदोला (lieutenant PREM PRAKASH CHANDOLA HALDWANI) बचपन से मेधावी रहे।   साल 2015 इंटर के नतीजों में उन्हें 85 प्रतिशत अंक मिले। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने एबीपीजी हल्द्वानी में दाखिला लिया और बीएसएसी की।

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प्रेम प्रकाश चंदोला को सेना में जाने के लिए पिता पूरन चंदोला से प्रेरणा मिली जो भारतीय सेना का हिस्सा रहे। पूरन चंदोला 3 कुमाऊं राइफल्स से रिटायर्ड हो चुके हैं। प्रेम प्रकाश चंदोला माता गीता चंदोला हाउस वाइफ हैं।उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा दफौट से ही हासिल की। इसके बाद साल 2013 में उन्होंने बागेश्वर के नेशनल मिशन हाई स्कूल से हाईस्कूल किया। हाईस्कूल में उन्होंने 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद वह हल्द्वानी आए और हरगोविंद सुयाल स्कूल में प्रवेश लिया।

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तो वहीं मूल रूप से मोहल्ला झिझाड़ (अल्मोड़ा) एवं वर्तमान में बद्रीव्यू में निवासी प्रधानाचार्य सुनील जोशी के पुत्र गर्वित जोशी ने सेना में अफसर बन कुमाऊं का नाम रोशन किया। प्रारंभिक शिक्षा नगर के स्प्रिंगफील्ड पब्लिक स्कूल से पूरी करने के बाद गर्वित ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (नैनीताल) में प्रवेश लिया। 12वीं तक की शिक्षा वहीं से ग्रहण करने के बाद पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर भारतीय सेना में सैन्य अफसर बन देशसेवा की ओर कदम बढ़ा दिए।

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