उत्तराखंड

जोशीमठ आपदा प्रभावित अभी तक अधर में! 3 मई को होगा राहत पैकेज पर बड़ा फैसला

देहरादून। जोशीमठ में आई दैवीय आपदा के बाद अबतक आपदा प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है। वहीं खबर आ रही है कि जल्द ही प्रभावित लोगों को राहत मिल सकती है। इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से तीन मई को नई दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग भी बुलाई गई है। संभव है कि इस बैठक में जोशीमठ पुनर्निर्माण के लिए राहत पैकेज पर कोई फैसला हो जाए।

 

आपको बता दें कि राज्य सरकार की ओर से राहत पैकेज के तौर पर केंद्र से करीब तीन हजार करोड़ रुपये की मांग की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक आपदा प्रभावित जोशीमठ में करीब 350 से अधिक प्रभावित परिवारों को स्थायी तौर पर विस्थापित करना पड़ सकता है, जबकि कुछ हिस्सों में पुन: परिवारों को बसाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार केंद्र की (पीडीएनए) टीम ने अपने अध्ययन के बाद रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया है। वहीं इस मामले में विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार जोशीमठ को लेकर गंभीर नहीं है, ये बैठकें सिर्फ दिखावा है।

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दरअसल, जोशीमठ आपदा के बाद अब प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के प्रयास में केंद्र और राज्य सरकार लग गई है। इस संबंध में तीन मई को नई दिल्ली में जोशीमठ आपदा को लेकर केंद्र ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। संभव है कि इस बैठक में जोशीमठ पुनर्निर्माण के लिए राहत पैकेज पर कोई फैसला हो जाए। आपदा प्रभावित जोशीमठ में करीब 350 से अधिक प्रभावित परिवारों को स्थायी तौर पर विस्थापित करना पड़ सकता है। जबकि कुछ हिस्सों में पुन: परिवारों को बसाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार केंद्र की (पीडीएनए) टीम ने अपने अध्ययन के बाद रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया है। बता दें कि केंद्र की (पीडीएनए) टीम ने चार दिन जोशीमठ में रहकर इसके प्रभावित हिस्से का बारिकी से निरीक्षण किया है। टीम 26 अप्रैल को दिल्ली लौट गई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक में पीडीएनए की रिपोर्ट पर चर्चा के साथ राहत पैकेज पर भी बड़ा फैसला लिया जा सकता है। वहीं बीजेपी का कहना है कि सरकार पूरी तरह से प्रभावितों के लिए मदद कर रही है और केंद्र से भी राहत पैकेज मिलने की उम्मीद है।

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आपको बता दें कि राज्य सरकार की ओर से राहत पैकेज के तौर पर केंद्र से करीब तीन हजार करोड़ रुपये की मांग की गई है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर सचिव की अध्यक्षता में यह बैठक होनी है। इस बैठक में (पीडीएनए), वैज्ञानिक संस्थाओं के विशेषज्ञों और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों को बुलाया गया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में राहत पैकेज पर मुहर लग सकती है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि राज्य सरकार जोशीमठ आपदा को लेकर गंभीर नहीं है यदि होती तो अबतक प्रभावितों तक मदद पहुंचा दी जाती।

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कुल मिलाकर उत्तराखंड की निगाहें 3 मई को होने वाली इस बैठक में टिक गई है। जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिहाज से इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संभवत इस बैठक में प्रभावितों के लिए आपदा पैकेज पर मुहर भी लग जाए लेकिन सवाल ये है कि क्या पीडितों तक सही से सरकारी मदद पहुंच पाएगी.क्या केंद्र उत्तराखंड के लिए तीन हजार करोड़ के राहत पैकेज पर मुहर लगाएगा.क्या जोशीमठ के अलावा अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों के घरों में आ रही दरारों को भी सरकार भरने का काम सरकार करेगी।

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