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अपराध:ऋषिकेश वीरभद्र का विवादों का मेला,मानको की उड़ रही धज्जियाँ



लापरवाही:ऋषिकेश मे शुरू हुई झंझट वाले मेले की तैयारी,कोई नियम नहीं

ऋषिकेश। ऋषिकेश में वीरभद्र मंदिर के पास मेला सजना शुरू हो गया है,बिना अनुमति के बड़े-बड़े खतरनाक झूले भी लगने लगे हैं,वहीं धार्मिक मेले को बदनाम करने की कोशिश भी शुरू गई है,मेला देखने आने वाले लोगों से ठेकेदार मेला शुल्क वसूलने की तैयारी में हैं,कर चोरी का मामला भी संज्ञान में आया है।


शिवरात्रि के पर्व पौराणिक वीरभद्र मंदिर के समीप मेले का आयोजन पिछले कई दशकों से हो रहा है,मेले में दूर दूर से लोग पंहुचते हैं,लगभग एक लाख(100000) से अधिक लोग मेला देखने आते हैं,बड़ी संख्या में लोग झूला झूलकर मजा लेते हैं,

मीडिया रिपोर्ट अनुसार इस बार मेले में लगे झूले को लेकर कई तरह की शिकायतें मिल रही हैं,मेले में पहली बार 100 फीट तक का ऊंचा झूला लग रहा है,जो काफी खतरनाक साबित हो सकता है,गौरतलब है की मेले में जो झूले खड़े हो गए हैं उनको लगाने का परमीशन भी नहीं मिला पाया है।


धार्मिक मेले को बदनाम करने की कोशिश

वीरभद्र मंदिर के पास पिछले कई दशकों के आयोजित मेले में कभी भी मेला शुल्क नहीं वसूला गया है,लेकिन इस वर्ष ठेकेदार द्वारा मेला शुल्क वसूलने की तैयारी कर ली है,बकायदा चारो तरफ टीन शेड लगाकर बैरियर लगाया जा रहा है,कम से कम 10 से 20 रुपए का शुल्क मेला देखने वाले को देना होगा।

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अवैध वसूली टैक्स की चोरी

मेले में ठेकदार द्वारा नए नियम बनाते हुए पीडब्ल्यूडी की सड़क पर 500 रुपए वर्ग फुट लेकर अस्थाई दुकान आवंटित कर रहा है,जबकि बिना जीएसटी नंबर के बिल दिया जा रहा है,ऐसे में सरकार को लाखों रुपए का टैक्स का चूना लगाया जा रहा है।अगर कर अधिकारी संज्ञान लेते हैं तो सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिल सकेगा।


फिटनेस और बीमा को लेकर उठा सवाल

वीरभद्र मेले में लगे झूले का फिटनेस टेस्ट लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया जाता है,लेकिन फिटनेस को लेकर अभी संशय बना हुआ है,वहीं बात करें बीमा की तो झूला संचालक बिना बीमा के ही लोगों झूला झुलाने की तैयारी में है।सूत्रों की माने तो दिल्ली के नरेला स्थित दशहरा मेला में इसी कंपनी का झूला काफी समय तक हवा में ही लटक गया था,जिसमे चीख पुकार मची थी,दिल्ली प्रशासन ने भी झूले पर रोक लगाते हुए संचालक पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी दिए थे,जिसके बाद मुकदमा भी दर्ज किया गया था।वहीं इस मामले में झूला संचालक से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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ठेकेदार ने खुद ही बढ़ा दी मेले की अवधि

शिवरात्रि पर्व पर लगने वाला मेला पहले मात्र तीन दिनों तक चलता था लेकिन अब ठेकेदार मेले की अवधि खुद ही बढ़ाकर लगभग 10 दिन कर दिया है जबकि परमीशन कुछ ही दिनों की मिलती है।

बिजली भी होती है चोरी

मेले में बड़े-बड़े झूले लगाए जाते हैं झूलों को चलाने में कई यूनिट बिजली की खपत होती है,जबकि ठेकेदार चोरी से बिजली का इस्तेमाल कर सरकार को चूना लगाता है।इसको लेकर पूर्व में भी शिकायतें हो चुकी है।


होता है अश्लील डांस

पौराणिक वीरभद्र मंदिर के प्रांगण में आयोजित होने वाले में अश्लील डांस का आयोजन भी कराया जाता है,बीते वर्ष इसको लेकर लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला था,इस वर्ष भी इसी तरह के आयोजन की तैयारी है।

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बिना परमीशन मौत का कुआं

बिना परमीशन के मेले में ‘मौत का कुआं’ खेल का आयोजन किया जाता है,जिसमे जान पर खेलकर बाइकर और कार चालक गाड़ी चलाते हैं,ऐसे में गाड़ी चलाने वालों के साथ-साथ देखने वाले लोगों की जान पर भी खतरा बना हुआ रहता है,अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्यवाही करता है।

नहीं हो पाता सभी का सत्यापन, घट चुकी हैं कई अपराधिक घटनाएं

शिवरात्रि पर्व के मौके पर लगने वाले मेले में झूला संचालकों के साथ 150 से अधिक लोग पंहुचते हैं,मेले में कई लोगों के साथ अभद्रता के साथ-साथ चोरी और चैन स्नेचिंग जैसे कई मामले भी सामने आचुके हैं,ऐसे में पुलिस का सत्यापन काफी आवश्यक होता है, लेकिन सभी लोगों का सत्यापन नहीं हो पाता है।

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट ने बताया की पूरे क्षेत्र में सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है,रही बात मेले की तो अभी तक लगभग 100 लोगों का सत्यापन हो चुका है,इसके अलावा आने वाले दिनों में भी फिर से दोबारा सत्यापन किया जाएगा,अगर कोई संदिग्ध मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी

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