देहरादून- उत्तराखंड की राजधानी में चिपको आंदोलन शुरू हो गया है। ये आंदोलन थानों के जंगलों में हो रहा है। यहां शासन ने सड़क चौड़ीकरण के लिए हजारों पेड़ों को काटने का काम शुरू किया है। इसके विरोध में देहरादून के कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) लामबंद होकर इन पेड़ों को बचाने का मोर्चा संभाला है। पेड़ों से चिपक के सैकड़ों लोग पेड़ों के कटान को रोकने की अपील कर रहें है।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार गणेशपुर से डाटकाली मंदिर के बीच दिल्ली-देहरादून राजमार्ग चौड़ीकरण परियोजना के तहत एलीवेटेड रोड का विकास किया जा रहा है। जिसके लिए हजारों की संख्या में पेड़ काटने का कार्य शुरू कर दिया गया है।पेड़ों के कटान को रोकने के लिए दून के कई गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) लामबंद हो गए हैं। एनजीओ कार्यकर्ता मोहंड बचाओ अभियान के तहत चिपको आंदोलन की तर्ज पर पेड़ों को काटने का विरोध कर रहें है। इस परियोजना से दिल्ली और देहरादून के बीच सफर आसान हो जाएगा।
गौरतलब है कि देहरादून क्षेत्र में परियोजना की कुल लंबाई 19.38 किमी है। इसमें उत्तर प्रदेश की सीमा में परियोजना की लंबाई करीब 16 किमी है। वन बाहुल्य क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं करते हैं। ऐसे में मोहंड के तमाम मोड़ के चलते भारी जाम लगा रहता है और नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब लोग निकट भविष्य में एलिवेटेड रोड के माध्यम से मोबाइल नेटवर्क के डार्क एरिया से सरपट निकल सकेंगे।




