उत्तराखंड

बड़ी खबर : यूक्रेन से दिल्ली पहुंचे उत्तराखंड के तीन छात्रों का हुआ स्वागत। कहा-अब जान में जान आई, पढ़े,,,

यूक्रेन से लौटे उत्तराखण्ड के तीन छात्रों आशुतोष पाल, अदनान व खुशी सिंह का नई दिल्ली में उत्तराखण्ड के अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा ने स्वागत किया। इस दौरान छात्रों के अभिभावक और राज्य के सहायक प्रोटोकाल अधिकारी मनोज जोशी व दीपक चमोली भी उपस्थित थे।

उत्तराखंड सरकार यूक्रेन में निवासरत उत्तराखंड के सभी छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिये भारत सरकार के लगातार संपर्क में है। विदेश मंत्रालय द्वारा यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था की जा रही है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट से देहरादून के लिए रवाना होती श्रीनगर की आकांक्षा और उसकी साथी ने वीडियो साझा किया। दोनों ने कहा कि वे अपने वतन लौटकर बहुत खुश हैं।

भारत सरकार से लगाई वतन वापसी की गुहार

दूसरी ओर यूक्रेन में फंसे टिहरी जिले के युवाओं ने अपने परिजनों को चिंता नहीं करने की बात कही है। उनका कहना है कि वहां हालात जरूर खराब हैं, लेकिन वह सभी होटल की बेसमेंट में सुरक्षित हैं। होटल में कार्यरत युवाओं ने बताया कि फिलहाल उनके पास खाने-पीने की कोई समस्या नहीं है। भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है।

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दूसरी ओर, प्रतापनगर के पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी ने विदेश मंत्री केंद्र सरकार को पत्र भेजकर यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्द सकुशल वापस लाने की मांग की है। प्रतापनगर ब्लॉक के स्यालगी गांव निवासी नरेश कलूड़ा ने बताया कि वह अपने चार अन्य साथियों के साथ यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे हुए हैं। वे वहां होटल में कार्यरत हैं।

बताया कि यहां के हालात खराब जरूर हैं, लेकिन वह अपने उत्तराखंड के साथियों के साथ सुरक्षित हैं। नरेश ने बताया कि रूसी सेना कीव के निकट पहुंच गई है। स्थानीय प्रशासन से उन्हें बाहर न निकलने का सुझाव दिया है। वह बीते तीन दिनों से होटल के बेसमेंट में छिपे हुए हैं। नरेश के साथ नई टिहरी सुरसिंगधार कांडा गांव के प्रवीन पुंडीर पुत्र पूरण सिंह पुंडीर, हरीश पुंडीर, नरेंद्रनगर आर्स गांव के सुरेंद्र रावत पुत्र ज्ञान सिंह रावत, श्यामपुर ऋषिकेश के मनोज सिंह पुत्र वीर सिंह भी कीव स्थित होटल में ही हैं।

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भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए की पूजा

पांच युवाओं ने बताया कि वह करीब एक साल पूर्व यूक्रेन आए थे। एक होटल किराए पर लेकर व्यवसाय चला रहे हैं। होटल भी अच्छा चल रहा था, लेकिन अब अचानक युद्ध ने सब कुछ बदलकर रख दिया है। नरेश कलूड़ा ने अपने पिता राकेश सिंह सहित परिजनों से अपील की है वह घबराएं नहीं है। पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

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भारतीय दूतावास से बातचीत चल रही है। अन्य युवाओं ने भी अपने परिजनों को संयम रखने की अपील की है। कहा कि धमाकों की गूंज तो सुनाई दे रही है, लेकिन होटल के बेसमेंट में सभी सुरक्षित हैं। खाना और पानी पर्याप्त मात्रा में है। नरेश ने बताया कि उत्तराखंड के कई अन्य युवा कीव सिटी के होटलों, रेस्त्रां में काम करते हैं। वह सभी लोग आपस में ग्रुप चैट, कॉल के माध्यम से जुड़े हुए हैं।

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी के लिए टिहरी के पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय ने राज-राजेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की। पूर्व विधायक उपाध्याय, भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी ने बताया कि टिहरी विधानसभा के गौंसारी गांव के करीब 40 लोग यूक्रेन के बॉर्डर वाले देश पोलैंड में होटल और अन्य इंडस्ट्री में नौकरी करते हैं।

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