मुख्यमंत्री ने जबरन धर्मांतरण मामलों की रिपोर्ट तलब की


देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के मामलों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों से अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्चाधिकारियों की बैठक में यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लागू सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत सभी मामलों की बारीकी से समीक्षा की जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि संदिग्ध गतिविधियों अथवा व्यक्तियों की जानकारी मिलते ही तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं पड़ने दिया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेज जारी करते समय उचित सत्यापन की प्रक्रिया पूरी तरह से अपनाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी अधिकारी द्वारा फर्जी दस्तावेज जारी किए गए तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सीएम धामी ने सरकारी भवनों के निर्माण में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता देने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की पारंपरिक पर्वतीय वास्तुकला और सांस्कृतिक पहचान को इन निर्माण कार्यों में विशेष स्थान दिया जाए ताकि उत्तराखंड की विरासत सुरक्षित रह सके।
सुरक्षा के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गहन चेकिंग अभियान चलाने और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के निर्देश भी दिए। इसके अलावा, उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर अभियान जारी रखने और टोल फ्री नंबर 1064 का व्यापक प्रचार करने पर भी जोर दिया।
मुख्यमंत्री ने सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के अभियान को लगातार जारी रखने के साथ-साथ मुक्त कराई गई भूमि की सुरक्षा के लिए प्रभावी उपाय करने को कहा। साथ ही उन्होंने शत्रु संपत्तियों पर हुए अतिक्रमण की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरूगेशन, एपी अंशुमन, सचिव विनोद कुमार सुमन और एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।




