उत्तराखंड

विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारी लामबंद, यूकेडी ने दिया समर्थन


यूकेडी मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने सलेक्टिव जांच की और उसके बाद कार्यवाही भी सलेक्टिव लोगों पर ही की। इस तरह का भेदभाव कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

यूकेडी मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि जब कोटिया जांच समिति के अनुसार राज्य बनने से लेकर अब तक की सभी भर्तियां एक ही चयन प्रक्रिया से हुई है तो फिर कार्यवाही सिर्फ 228 कर्मचारियों पर ही क्यों की गई !

 

गौरतलब है कि विधानसभा से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे खारिज होने के बाद सरकार से अपनी बहाली की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया। विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों ने आज विधानसभा के बाहर जमकर धरना प्रदर्शन और नारेबाजी की दूसरे दिन उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ करने का ऐलान किया है।

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यूकेडी महामंत्री सुनील ध्यानी ने कहा कि कांग्रेस के गोविंद सिंह कुंजवाल और यशपाल आर्य अपने कार्यकाल की जांच कराने और कार्यवाही करने की चुनौती दे चुके हैं तो फिर आखिर रितु खंडूरी विधानसभा में नियुक्ति कराने वाले विधानसभा अध्यक्षों के खिलाफ कार्यवाही करने से क्यों हिचक रही हैअअं ! उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वह अपने पिता भुवन चंद्र खंडूरी के करीबियों को बचाना चाह रही हैं !

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यूकेडी नेता राजेंद्र पंत ने कहा कि यदि चयन प्रक्रिया का तर्क देकर विधानसभा से कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा रहा है तो फिर सरकार को यह बताना चाहिए कि राज भवन सचिवालय तथा अन्य विभिन्न विभागों में उपनल, पीआरडी तथा आउटसोर्स से लगने वाले कर्मचारियों के लिए क्या चयन प्रक्रिया अपनाई जा रही है! इस तर्क के लिहाज से क्या उन सभी को बाहर किया जाना चाहिए!

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उत्तराखंड क्रांति दल ने आक्रोश व्यक्त किया कि विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी प्रदेश विरोधी सलाहकारों गलत सलाह पर चलकर प्रदेश को अराजकता की आग में झोकना चाहती है।  यदि आक्रोश में विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों ने अथवा जनता ने कोई अप्रिय कदम उठाया तो फिर इसकी समस्त जिम्मेदारी विधानसभा अध्यक्ष तथा उत्तराखंड सरकार की होगी। धरना प्रदर्शन में उत्तराखंड क्रांति दल के कई नेता शामिल थे।

 

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