SDRF द्वारा जहां एक ओर राज्य में वृहद जनजागरूकता अभियान चलाकर राज्य निवासियों को आपदा के प्रति जागरूक किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर आपदा संबंधी आंतरिक सुरक्षात्मक ढांचे को और अधिक सुदृढ़ किये जाने के लिए भी युद्धस्तर पर प्रयासरत है। इसके तहत SDRF द्वारा बेसिक डिजास्टर मैनेजमेंट के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
आज SDRF वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट में सिविल पुलिस, पीएसी व आईआरबी के 26 प्रशिक्षुओं का 15 दिवसीय बेसिक डिजास्टर मैनेजमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। 15 दिवसीय बेसिक ट्रैनिंग के दौरान प्रशिक्षुओं को आपदा प्रबंधन की आधारभूत जानकारी के साथ आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्य करने का अभ्यास भी कराया। बेसिक जानकारी में SDRF द्वारा मेडिकल फर्स्ट रेस्पांडर (MFR), कॉलेप्स स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू (CSSR), रोप रेस्क्यू इत्यादि का प्रशिक्षण दिया गया।
बता दें कि SDRF का व्यवस्थापन सम्पूर्ण राज्य में है, लेकिन कई स्थानों पर स्थानीय लोगों के बाद भी सिविल पुलिस ही सबसे पहले पहुंचती है। इस दशा में यदि सिविल पुलिस के जवान प्रशिक्षणशुदा होते है तो आपदा अथवा दुर्घटना के प्रथम कुछ मिनटों जिन्हें गोल्डन ऑवर भी कहा जाता है, में त्वरित रेस्क्यू कर अधिक से अधिक जान बचाये जाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते है। निश्चित ही SDRF द्वारा कराए जा रहे प्रशिक्षण के बाद ये जवान आपदा अथवा दुर्घटना के दौरान त्वरित रेस्क्यू में और अधिक प्रभावशाली रूप से कार्य करने में सक्षम होंगे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की क्लोज़िंग सेरेमनी पर असिस्टेंट कमांडेंट, SDRF दीपक सिंह द्वारा प्रशिक्षुओं को आपदा प्रशिक्षण के महत्व बताया व सर्टिफिकेट वितरित कर भविष्य में पूर्ण मनोयोग से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रशिक्षण टीम में इंस्पेक्टर प्रमोद रावत, अपर उप निरीक्षक अनूप रमोला, हे.का. आशीष रावत, हे.का. राकेश राणा, हे.का. दीपक, का. नवीन कुमार, का. सुरेश मलासी व का. यशवंत सिंह रहे।




