उत्तराखंड

Tungnath: जय बाबा तुंगनाथ के उद्घोषों के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए तृतीय केदार के कपाट

ऊखीमठ। विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, पंच केदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट आज 11 बजकर 30 मिनट पर शुभ लगनानुसार विधि-विधान व वेद ऋचाओं के साथ शीतकाल के लिए बन्द कर दिए गए। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया।

सुबह नौ बजे से शुरू हुई प्रक्रिया

सोमवार को सुबर नौ बजे से पहले श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ के दर्शन किए। जिसके बाद नौ बजे से कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हूई। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुजन मौजूद रहे। तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली मंदिर परिसर में विराजमान हुई।

यह भी पढ़ें 👉  धामी सरकार का बड़ा कदम: गांव में ही रोजगार, पलायन पर लगेगी ब्रेक

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रवाना

मंदिर की परिक्रमा के बाद भगवान तुंगनाथ की डोली ने प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया। विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए और सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए भगवान तुंगनाथ की डोली चोपता पहुंची, जहां उनका का भव्य  स्वागत किया गया। इसी के सात 8 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कू बैण्ड होते हुए बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी और रात्रि प्रवास भनकुण्ड में रहेगा। यहां पर ग्रामीणों द्वारा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को अर्घ्य अर्पित कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  CM धामी ने संविदा व दैनिक वेतन कर्मियों को दी बड़ी राहत, विनियमितीकरण नियमावली-2025 जारी

9 नवम्बर को मक्कूमठ में विराजमान होगी डोली

9 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी और 10 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा मक्कूमठ में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू होगी।

यह भी पढ़ें 👉  डीएम सविन बंसल के सख्त आदेश, HDFC आरगो को जमा करना पड़ा 8.92 लाख का चेक
SGRRU Classified Ad
312 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top