उत्तराखंड

पहाड़ी बार्बी डॉल: देश के साथ विदेशों में भी ‘जुन्याली’ मचा रही धूम

देहरादून। बच्चों की पसंदीदा बार्बी डॉल के बाद अब पहाड़ी बार्बी डॉल धूम मचा रही है। जी हां, टिहरी जिले के युवक ने बार्बी डॉल की तर्ज पर पारंपरिक वेशभूषा से सजी पहाड़ी डॉल तैयार की है, जिसको जुन्याली नाम दिया गया है। जुन्याली बार्बी की तरह बच्चों को खूब भा रही है।

बार्बी डॉल की तर्ज पर बनाई पहाड़ी डॉल

टिहरी जिले के सुनार गांव निवासी युवक दीप नेगी ने बार्बी डॉल की तर्ज पर पहाड़ी डॉल जुन्याली बनाई है। इससे जहां युवा स्वरोजगार से जुड़े हैं वहीं नई पीढ़ी खेल-खेल में अपनी संस्कृति और परंपराओं से भी रूबरू हो रही है। वहीं अब जुन्याली की देशभर के साथ ही विदेशों में भी खूब डिमांड हो रही है।

दुबई के मॉल में कई खिलौने देख दीप को आया विचार

बता दें कि दीप ने दुबई के मॉल में बार्बी डॉल सहित कई अन्य खिलौने देखे जो विभिन्न देशों की संस्कृतियों से जुड़े हैं। इन सब को देखकर उनके मन में पहाड़ की संस्कृति से जुड़े खिलौने बनाने का विचार आया और इसमें डॉल सबसे बेहतर विकल्प था। उन्होंने साल 2018 में देहरादून और टिहरी से फ्यूंली एंड पाइंस नाम से स्टार्टअप शुरू किया। इसके तहत गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी परिधानों, आभूषणों और अन्य पारंपरिक वस्तुओं से सुसज्जित गुड़िया बनाई गई जिसका नाम जुन्याली रखा गया।

मंगसीर बग्वाल मेले में मुख्य आकर्षण होगी जुन्याली

जुन्याली की एक खासियत यह है कि यह गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी गीतों पर डांस भी करती है। इसी माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने वाले मंगसीर बग्वाल मेले में जुन्याली मुख्य आकर्षण होगी। मेले का आयोजन अनघा माउंटेन एसोसिएशन सालों से करता आ रहा है। आयोजन समिति के अजय पुरी ने बताया कि मेले में जुन्याली को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।

टिहरी,देहरादून में किया जाता है तैयार

जुन्याली अन्य गुड़िया के तरह ही रबड़ की है। कच्चा माल विदेश से मंगाया जाता है जिसे टिहरी और देहरादून में तैयार किया जाता है। जुन्याली के लिए पारंपरिक परिधान टिहरी और देहरादून में तैयार किए जाते हैं। वहीं पारंपरिक वस्तुएं कंडी, टोकरी, सुप्पा, गंज्याली, कुदाल, दरांती टिहरी और उत्तरकाशी में तैयार किए जाते हैं।

अब तक बिक चुकी पांच हजार गुड़िया

दीप नेगी ने बताया कि वे अब तक पांच हजार गुड़िया बेच चुके हैं। दीप के साथ टिहरी के पंकज और अकबीर भी जुड़े हैं। दीप ने बताया कि अब तक गुड़िया गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी वेशभूषा में ही उपलब्ध है लेकिन जल्द लोगों को रौंगपा (माणा) वेशभूषा में भी मिलेगी।

ऑनलाइन भी उपलब्ध

जुन्याली ऑन लाइन में मंगाई जा सकती है। इसके अलावा जुन्याली हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी, चंबा, उत्तरकाशी, दिल्ली सहित अमेजन पर भी उपलब्ध हैं। गुड़िया की कीमत 650 रुपये से शुरू है। इसके अलावा टोकरी, गंज्याली, सुप्पा आदि प्रति 100 रुपये के हिसाब से खरीद सकते हैं।

 

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