“उत्तराखंड के युवा कलाकारों ने राष्ट्रीय मंच पर चमकाई ऊर्जा संरक्षण की मिसाल”
ऋषिकेश/नई दिल्ली।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस–2025 के अवसर पर उत्तराखंड के लिए गर्व का क्षण तब आया, जब राष्ट्रीय स्तर की ऊर्जा संरक्षण चित्रकला प्रतियोगिता में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले चार विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
प्रतियोगिता का आयोजन भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा किया गया, जिसमें टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड उत्तराखंड राज्य की नोडल एजेंसी रही। कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेताओं को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार एवं चित्रकला प्रतियोगिता–2025 के पुरस्कार प्रदान किए।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि ऊर्जा संरक्षण आज के समय की अनिवार्य आवश्यकता है और यह पर्यावरण के लिए सबसे अनुकूल ऊर्जा स्रोत है। उन्होंने ऊर्जा के विवेकपूर्ण, जिम्मेदार और कुशल उपयोग पर बल दिया।
केंद्रीय विद्युत एवं आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है और ऊर्जा दक्षता में सुधार के साथ तेज़ आर्थिक विकास कर रहा है। वहीं, विद्युत एवं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने ऊर्जा संरक्षण को व्यवहार परिवर्तन से जोड़ते हुए इसे जनआंदोलन बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सिपन कुमार गर्ग ने विजेता विद्यार्थियों और उत्तराखंड राज्य को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों को ऊर्जा संरक्षण का संदेशवाहक बनाती हैं और सतत भविष्य की दिशा में प्रेरित करती हैं।
उत्तराखंड से ग्रुप-ए में कुमारी पीहू रानी और मास्टर रिदम दास तथा ग्रुप-बी में कुमारी इशिता कुमारी और कुमारी शताक्षी वत्स को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल, विद्युत मंत्रालय एवं विभिन्न पीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
