उत्तराखंड

यहां विराजते हैं यमुना के भाई शनिदेव, आज विधि-विधान से शीतकाल के लिए कपाट हुए बंद

उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम के निकट और मां यमुना के मायके खरशाली गांव में स्थित गीठ पट्टी के बारह गांवों के आराध्य देव मां यमुना के भाई शनि देव सोमेश्वर देवता मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ चार माह के लिए बंद किए गए। इससे पहले गीठ पट्टी क्षेत्र के अलावा नौगांव, बड़कोट, उत्तरकाशी आदि क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने शनिदेव सोमेश्वर देवता के दर्शन कर पूजा अर्चना की और मनौती मांगी।

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बैशाखी के पर्व पर खुलेंगे कपाट
इस दौरान देवता पश्ववा और पुजारी दिनेश प्रसाद, संतोष उनियाल पर देवता अवतरित हुए और मौजूद श्रद्धालुओं को खुशहाली के लिए आशीर्वाद लिया। पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि अब शनिदेव सोमेश्वर देवता मंदिर के कपाट माह अप्रैल की बैशाखी के पर्व पर खुलेंगे।

पांडवों ने किया था मंदिर का निर्माण
शनि देव मंदिर शनिदेव मंदिर उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के खरसाली गांव में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है कि शनिदेव न्यायाधीश हैं, जो हर कर्म का हिसाब करते हैं। यह मंदिर समुद्री तल से लगभग 7000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर की कलाकृति बेहद ही प्राचीन है। शनि मंदिर के बारे में इतिहासकार मानते है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवो ने करवाया था।

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बेहद ही अनोखी है मंदिर की निर्माण शैली
इस पांच मंजिला मंदिर के निर्माण में पत्थर और लकड़ी का उपयोग किया गया है। जिससे कि निर्माण में लकड़ी के बांसों के इस्तेमाल से यह खतरे के स्तर से ऊपर रहता है तथा बाढ़ से इसको बचाने में मदद मिलती है। शनिदेव की कांस्य मूर्ति शीर्ष मंजिल पर स्थित है।

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