देश

महिला दिवस विशेष : “जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” माता और मातृ भूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है,, पढें,,

ब्यूरो। हर साल की तरह इस साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे समाज में महिलाओं को सशक्त करना और उनकी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक सहित विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने और अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना है।

इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता’ है। आज भी कई देशों में लैंगिक समानता को लेकर काफी मतभेद है, कई देशों में आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार नहीं दिए गए हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य दुनियाभर में लैंगिक समानता का संदेश फैलाना है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों और योगदान को चिह्नित करना और एक ऐसे समाज के निर्माण की दिशा में काम करना है जो सभी लैंगिक पूर्वाग्रहों, रूढ़ियों, लैंगिक समानता और भेदभाव से मुक्त हो।

महिला दिवस का इतिहास

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सबसे पहले अमेरिका में 1908-09 में मनाया गया था। तब करीब 15000 महिलाओं ने न्यूयॉर्क सिटी में वोटिंग के अधिकार, काम के घंटे कम करने व बेहतर वेतन की मांग को लेकर आंदोलन किया था। 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने थीम के साथ इसे प्रत्येक वर्ष मनाना शुरू किया गया।

इस बार की थीम है “जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो” यानी मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता जरूरी है। यह बात सही है कि महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही है। लेकिन यह भी कटु सत्य है कि आज भी कई जगहों पर उन्हें लैंगिक असमानता, भेदभाव झेलना पड़ता है।

कन्या भ्रूण हत्या के मामले आज भी आते हैं। महिला के खिलाफ अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हमारा यह कत्तर्व्य है हम महिलाओं की स्थिति समाज में बेहतर बनाने को लेकर प्रयासरत रहने का संकल्प लें।

3 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top