ऋषिकेश।जोशीमठ भीषण आपदा के बीच यह साल यानि 2023 ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के लिए स्पेशल होने वाला है। इस वर्ष (RVNL) रेल विकास निगम ने प्रोजेक्ट के तहत दर्जन से अधिक पहाड़ के सीने को चीरते हुए टनल को आरपार करने की ठानी है। जिसके तहत इस लक्ष्य मे निगम नरकोटा मे सुरंग को आर पार कर चुका है और इसके अलावा अभी कई सुरंगो को भेदना बाकी है।
उत्तराखंड प्रदेश के लिए पीएम मोदी की यह महत्वकांक्षी योजना लगातार अग्रसर है लगभग 16216 करोड़ की लागत से बन रही ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर अब तक निगम 10748.29 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। जिसके तहत इस परियोजना का लगभग 40 प्रतिशत कार्य सम्पादित हो चुका है। बता दें कि लगभग 125 किमी लंबी इस परियोजना में 104 किमी रेल लाइन 17 सुरंगों से होकर गुजरेगी। पहाड़ क्षेत्र की इस परियोजना मे टनल निर्माण सबसे ज्यादा बड़ा टास्क है। जिसके तहत RVNL चुनौती होने के वावजूद भी अभी तक तेजी से कार्य कर रहा है। बताया जा रहा है कि कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर अब तक सभी सुरंगों में कुल 86 किमी की खुदाई पूरी हो चुकी है। रेल विकास निगम ने इन सुरंगों की खुदाई के लिए कुल 44 फेज पर काम शुरू किया था, जिसमे 5 फेज में काम पूरा हो चुका है। यानि पहाड़ का सीना चीरते हुए 5 सुरंग आरपार कर दी गई हैं। रेल विकास निगम की माने तो इस वर्ष यानी 2023 में रेल परियोजना में निर्धारित लगभग 17 सुरंगें आरपार हो जाएंगी,जिसके लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है।
देश की सबसे बड़ी होगी सौड़ से जनासू तक की डबल ट्यूब सुरंग
बताया जा रहा है कि इस रेल प्रोजेक्ट के अंतर्गत देवप्रयाग के सौड़ से जनासू तक बनने वाली (14.5 किमी) की सुरंग सबसे लम्बी डबल ट्यूब सुरंग होगी। इस स्थान पर ट्रेनों के आने जाने के लिए दो टनलो का निर्माण किया जा रहा है। जिनके निर्माण के लिए टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मंगाई गई हैं। एक टीबीएम ने दिसंबर 2022 में देवप्रयाग से सौड़ से खुदाई का काम शुरू कर दिया था।
वंही बातचीत मे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव का कहना है कि कि दूसरी टीबीएम के भी काम शुरू कर चुकी है। बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत सभी कार्यों को सम्पादित किया जा रहा है। जिसमे निर्माण कार्य के साथ एक्सपर्ट टीमें भी सर्वें मे लगी हैं। बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो 2023 तक सभी टनल निर्माण का कार्य 99 प्रतिशत कार्य पूरा कर दिया जायेगा।



