उत्तराखंड

गरजे:पूर्व डीजीपी प्रेम दत्त रतूड़ी के विरोध में गरजे भोगपुर के गांववासी

देहरादून। पूर्व डीजीपी प्रेमदत्त रतूड़ी ने भू-माफियाओं के साथ मिलकर श्री गुरु राम राय इण्टर काॅलेज की जमीन को कब्जाना चाहते हंै। गुरुवार को क्षेत्रवासियों एवम् श्री गुरु राम राय इण्टर काॅलेज भोगपुर के एलुम्नाई (पूर्व छात्रों) एवम् स्थानीय निवासियों ने पूर्व डीजीपी के विरोध में जोरदार नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। स्थानीय निवासियों एवम् पूर्व छात्रों के जोरदान प्रदर्शन से घबराकर पूर्व डीजीपी को उल्टे पांव भागना पड़ा।
गुरुवार को स्थानीय निवासियोें एवम् स्कूल के एलुम्नाई छात्रों ने सामूहिक हस्ताक्षर के साथ शिकायत लिखकर जिलाधिकारी देहरादून, उपजिलाधिकारी ऋषिकेश और तहसीलदार ऋषिकेश को सम्पूर्णं घटनाक्रम से अवगत करवाया।  श्री गुरु राम राय इंण्टर काॅलेज भोगपुर परिसर में विद्यालय प्रधानाचार्य, ़ऋषिकेश तहसील के अधिकारी, तहसीलदार, श्री दरबार साहिब के मुख्य व्यवस्थापक, सह व्यवस्थापक सहित भोगपुर क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि व गणमान्य व्यक्तियों के सामने जमीनी विवाद पर क्षेत्रवायिों ने विरोध प्रदर्शन किया।
काबिलेगौर है कि यह मामला क्षेत्र मंे काफी दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है। भोगपुर क्षेत्रवासियों व श्री गुरु राम राय इण्टर काॅलेज भोगपुर के एलुम्नाई (पूर्व छात्रों) की यह शिकायत है कि पूर्व डीजीपी उत्तराखण्ड प्रेमदत्त रतूड़ी सन् 1950 में स्थापित श्री गुरु राम राय इण्टर कॉलेज भोगपूर, देहरादून के क्रीडा स्थल (खेल मैदान) को कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं। एसजीआरआर स्कूल प्रबन्धन और श्री दरबार साहिब की संगतें पूर्व में जमीन कब्जाने के मामले पर गहरा रोष व्यक्त कर चुके हैं। गुरुवार को क्षेत्रवासियों और श्री गुरु राम राय इण्टर काॅलेज भोगपुर के एलुम्नाई (पूर्व छात्रों) ने पूर्व डीजीपी के विरूद्ध जोरदार नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया।
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब द्वारा ग्रामीण और निर्धन छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा देने के उद्देश्य से सन् 1950 में भोगपुर व रानीपोखरी क्षेत्रवासियों के लिए स्कूल खोला गया था। वर्तमान समय में विद्यालय में छात्र-छात्राओं के  लिए खेल मैदान संचालित है। स्कूल के स्थापना को लगभग 75 वर्ष हो गये हैं और अब अचानक श्री प्रेमदत्त रतूड़ी उस जमीन को भू-माफियाओं को बेचना चाहते हैं।  ये सर्वविदित है और पूर्व भोगपुर क्षेत्र के लोग जानते हैं विद्यालय व खेल मैदान इतने समय से बिना किसी विघ्न बाधा के चल रहा था और स्थापना काल 1950 से अब तक किसी ने भी विद्यालय के खेल मैदान व जमीन पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की। अब वर्तमान में पूर्व डीजीपी इस खेल मैदान पर अपना दावा प्रस्तुत कर विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के साथ साथ क्षेत्र के असंख्य नौजवानों एवम् नौनिहालों को उनके हक से वंचित रखने का निंदनीय कार्य कर रहे हैं।

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