ऋषिकेश में वन विभाग के सर्वे पर बवाल, मुख्यमंत्री से तत्काल रोक की मांग
ऋषिकेश। वन विभाग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए ऋषिकेश क्षेत्र में की जा रही सर्वे कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों की चिंता अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुँच गई है। भाजपा जिला महामंत्री प्रतीक कालिया एवं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के नेतृत्व में शनिवार को स्थानीय नागरिकों ने देहरादून पहुँचकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि संबंधित क्षेत्रों में हजारों की संख्या में लोग वर्षों से निवास कर रहे हैं। लोगों ने अपनी जीवनभर की जमा-पूंजी लगाकर भूमि खरीदी तथा आवासों का निर्माण किया है। अचानक वन विभाग द्वारा की जा रही सर्वे कार्रवाई से क्षेत्र में भय और असमंजस का माहौल उत्पन्न हो गया है।
भाजपा जिला महामंत्री प्रतीक कालिया एवं महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि जब तक सरकार द्वारा इस विषय पर ठोस नीति तैयार नहीं की जाती, तब तक वन विभाग की जमीनी कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाई जाए। साथ ही मुख्य सचिव को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट में आगामी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से स्थानीय निवासियों के अधिकारों की मजबूती से पैरवी करने की भी मांग रखी। इसके अतिरिक्त राज्य मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाकर प्रस्ताव पारित कर प्रभावित क्षेत्रों को वन श्रेणी से बाहर रखने तथा उन्हें राजस्व ग्राम घोषित करने का अनुरोध भी मुख्यमंत्री के समक्ष किया गया।
इस अवसर पर महामंत्री प्रतीक कालिया ने कहा कि इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की पूरी जीवन-भर की कमाई लगी हुई है। सरकार को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उन्हें उनका वैधानिक हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
मुलाकात के दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, बीजेंद्र सिंह, सुभाष वाल्मीकि, प्रदीप कुमार, त्रिलोक सिंह, चंदन सिंह नेगी, अविनाश सेमल्टी, निखिल बर्थवाल, दिनेश शर्मा, राजेंद्र बिष्ट, गुरविंदर सहित अनेक स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
