रूड़की। मोरबी ब्रीज हादसे से सबक लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी पुराने और जर्जर हो चुके पुलों को बदलने की कवायद शुरू की है, लेकिन अभी भी राज्य भर में कई ऐसे पुल हैं जिन्हे नजरें इनायत की जरूरत है। बात रूड़की शहर की हो रही है, जहां गंग नहर के ऊपर बने पुल की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है और कई सालों से यह पुल हादसों को न्योता दे रहा है। गंगनहर पर जर्जर हो चुका ये पुल लगभग 70 साल पुराना है और बेहद खस्ताहाल में है। 1955 के करीब बने इस लोहे के पुल की मरम्मत होना तो दूर, पुल को तारों के सहारे रोका गया है। जिसके चलते हर समय हादसा होने की संभावना बनी रहती है, जबकि रात में अंधेरे के चलते संभावना और भी बढ़ जाती है।
हालांकि इस पुल से पैदल या साइकिल लेकर ही लोग गुज़रते हैं। लेकिन पुल से गुजरने वाले इन लोगों की जिंदगी पर हर समय संकट मंडरा रहा है।
आपको बता दें कि इस पुल के पास सिंचाई विभाग के कार्यलय मौजूद है, जहां तमाम अधिकारी बैठते हैं। वहीं कई भाजपा के विधायकों के आवास भी पुल के आसपास ही बने हुए हैं, जो रात दिन यहां से गुजरते हैं। लेकिन किसी का भी ध्यान जर्जर हो चुके इस पुल की ओर नहीं गया। कई बार स्थानीयों ने पुल को लेकर प्रशासन से शिकायत की है और पुल की मरम्मत की मांग की है लेकिन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी है। इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। ऐसे में लग रहा है कि शायद प्रशासन किसी बड़े हादसा होने के इंतजार में है।




