उत्तराखंड

राज्य में हैलीपैड और हेलीपोर्टस बनाने के लिए मुख्य सचिव ने दिए ये निर्देश , बताई प्राथमिकता…

Uttarakhand News: उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शासन-प्रशासन तेजी से काम कर रहा है। पर्यटन को बेहतर बनाने और लोगों की आसानी को देखते हुए राज्य में हैलीपैड और हेलीपोर्टस बनाने का काम चल रहा है। देहरादून सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने प्रदेश में बनाए जा रहे हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार जैसे पर्यटक स्थलों में 2 या 2 से अधिक हेलीपोर्ट्स या हेलीपैड्स बनाए जाएं।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार मुख्य सचिव ने बैठक में  सभी हेलीपोर्ट्स और हेलीपेड्स की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि नए प्रस्तावित हेलीपोर्ट्स या हेलीपैड्स में फीजिबिलिटी शीघ्र करवा ली जाए। फॉरेस्ट क्लीयरेंस और लैंड एक्विजिशन के कार्यों में भी तेजी लाते हुए शीघ्र अतिशीघ्र इनका निर्माण कार्य शुरू करवाया जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस समय कुल 83 हेलीपैड्स हैं, जिसमें 51 सरकारी और 32 प्राइवेट हैं। साथ ही अंडर कंस्ट्रक्शन हेलीपैड्स की संख्या 22 है। पर्यटन विभाग ने 33 नए हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स प्रस्तावित किए हैं। जनपदों द्वारा 10 नए प्रस्ताव भेजे गए हैं।

यह भी पढ़ें 👉  धामी बोले– किसानों की आमदनी दोगुनी, विकास में कोई कोताही नहीं

मुख्य सचिव ने पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स बनाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जॉय राइड्स की भी असीम संभावनाएं हैं, इसके साथ ही हिमालय दर्शन जैसी योजनाओं को अधिक से अधिक स्थानों से संचालित किया जाए। इसके लिए हेली के साथ ही फिक्स विंग सेवाओं पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि यहां की खूबसूरती के देखने के बाद इन्हीं में से बहुत से लोग यहां इन्वेस्ट करने को आगे आएंगे। मुख्य सचिव ने कुछ हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स के लिए कई बार बिड्स फेल होने पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि टेंडर करते समय ग्राउंड रियलिटी के अनुसार रेट तय किए जाएं।

यह भी पढ़ें 👉  गुलदार के हमले से बचने के ठोस उपाय...मानव की सुरक्षा के लिए उपाय:

मुख्य सचिव ने कहा कि हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स का मास्टर प्लान बनाते समय भविष्य की संभावनाओं और आवश्यकताओं को देखते हुए प्लानिंग की जाए। इन हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स का ट्रैफिक प्लान अगले 20, 25, 50 साल के ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए बनाया जाए। मुख्य सचिव ने हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स के लिए भूमि चयनित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हमारे उद्देश्य की पूर्ति हो। रीजनेबल रेट पर मिलने पर प्राइवेट लैंड भी खरीदा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकारी जगह ढूंढने के चक्कर में कई बार हम ऐसी जगह अस्पताल, स्कूल, आईटीआई आदि खोल लेते हैं जहां कोई नहीं जाता है।

यह भी पढ़ें 👉  लाभ:श्री महंत इंदिरेश अस्पताल की पहल: 205 मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा का लाभ
83 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

The Latest

To Top