अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय सेना ने चालबाज चीन की चालाकी का मुंहतोड़ जवाब दिया। 9 दिसंबर को तवांग के यांग्त्से में करीब 300 चीनी सैनिकों ने एलएसी पर भारतीय पोस्ट हटाने की कोशिश की थी। इस दौरान दोनों पक्षों में हाथापाई भी हुई थी. लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इस दौरान हुए संघर्ष में दोनों पक्षों के करीब 30 सैनिक घायल हुए। घायलों में ज्यादा संख्या चीनी सैनिकों की बताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, एक हफ्ते पहले हुई इस झड़प के दौरान जहां चीनी लाठियों और अन्य उपकरणों से लैस थे तो भारतीय सैनिक भी संघर्ष के लिए तैयार थे। भारतीय सैनिकों ने भी लाठी, डंडे और अन्य हथियार उठा लिए थे. झड़प से पहले भारतीय सेना की एक यूनिट वहां से निकल रही थी और एक नई यूनिट से रिलीव हो रही थी। हालांकि, चीनियों ने जब संघर्ष शुरू किया तब दोनों यूनिट क्षेत्र में मौजूद थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी सेना के जवान हर साल इन इलाकों में घुसने की कोशिश करते हैं और अपनी क्लेम लाइन के बाहर पेट्रोलिंग करने की कोशिश करते हैं, जिसे भारत इजाजत नहीं देता. चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर होलीदीप और परिक्रमा क्षेत्र के आसपास यांग्त्से में मुद्दों पर आक्रामक व्यवहार कर रही है।
भारत को मिला अमेरिका का साथ
अरुणाचल में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत को अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिका ने इसे बीजिंग की उकसावेपूर्ण कार्रवाई करार दिया है। भारत-चीन सीमा के तवांग में हुए टकराव पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है। हम भारत के साथ दिल्ली और वाशिंगटन में लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
उधर, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रेस सचिव पैट राइडर ने कहा कि हम अपने साझेदार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग हैं। हम स्थिति को नियंत्रित करने के भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं। इससे पहले अमेरिका ने बयान जारी कर कहा कि इस बात पर खुशी है कि दोनों ही देशों की सेनाओं ने डिसइनगेजमेंट किया और स्थिति को नियंत्रण में रखा। हम स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं।


