उत्तर प्रदेश

Proud:प्रतिभा का जौहर मनवाने के हुनर जरा इस कैदी से सीखिये, सलाखों के पीछे लिख डाली कामयाबी की इबारत,,

नवादा। प्रतिभा,हुनर किसी के मोहताज नही होते,वो कंही भी निखर कर समाज के सामने आई जाती है। हत्या के अपराध में सलाखों के पीछे एक प्रतिभावान ने कामयाबी की इबारत लिखी है।

हम बात कर रहे हैं मर्डर के मामले में जेल में बंद सूरज कुमार उर्फ कौशलेंद्र की जिसने आईआईटी की ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स की परीक्षा में सफलता हासिल की है। आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित इस परीक्षा में उसने ऑल इंडिया में 54वीं रैंक हासिल की है। सूरज की सफलता में जेल प्रशासन का भी बड़ा योगदान है।

विचाराधीन बंदी सूरज वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाला है और तकरीबन एक साल से हत्या एक मामले में बतौर आरोपी जेल में बंद है। मंडल कारा नवादा में रहते हुए उसने इस कठिन मानी जाने वाली परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा की तैयारी में जेल प्रशासन ने उसकी काफी मदद की।

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-अप्रैल 2021 से कैद में है

सूरज हत्या के एक आरोप में अप्रैल 2021 से जेल में है। दरअसल नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के मोसमा गांव में रास्ता विवाद को लेकर दो परिवारों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। अप्रैल 2021 को हुई मारपीट में संजय यादव बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इलाज के लिए पटना ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई थी। तब मृतक के पिता बासो यादव ने सूरज, उसके पिता अर्जुन यादव समेत नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 19 अप्रैल 21 को पुलिस ने सूरज समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

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खास बात ये है कि सूरज ने पिछले साल भी इस परीक्षा को पास किया था और उसे ऑल इंडिया में 34वीं रैंक मिली थी, लेकिन ऐन वक्त पर मर्डर की इस घटना में वो फंस गया। जेल जाने के बाद भी सूरज के हौसले कम नहीं हुए और आज उसने जेल में रहते हुए यह कारनामा फिर से कर दिखाया है। जारी रिजल्ट में सूरज को ऑल इंडिया में 54वींं रैंक हासिल हुई है। इसके साथ ही वह अब आईआईटी रुड़की में एडमिशन लेकर मास्टर डिग्री कोर्स कर सकेगा। जिसने भी सूरज की इस उपलब्धि को जाना हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है। इसके लिए उसने कड़ी मेहनत की है, जिसमें जेल प्रबंधन का भी पूरा साथ मिला।

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