उत्तराखंड

उत्तराखंड में अब डॉक्टरों के लिए बॉन्ड तोड़ना नहीं होगा आसान, भरना पड़ेगा एक करोड़ से ढाई करोड़ रुपये का हर्जाना

उत्तराखंड सरकार ने बॉन्ड धारी डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी पक्की कर ली है। सरकार के पैसे से एमबीबीएस, एमडी व एमएस करने वाले डाक्टरों के लिए बांड तोड़ना आसान नहीं होगा। अब एमबीबीएस के बाद पांच साल तक दूरस्थ क्षेत्रों में नौकरी नहीं की तो एक करोड़ रुपये और एमडी-एमएस करने के बाद दो साल नौकरी नहीं करने पर ढाई करोड़ रुपये तक जमा करना होगा।

यह भी पढ़ें 👉  देहरादून DM सविन बंसल की जनसुनवाई में 144 शिकायतें दर्ज, मौके पर ही कई मामलों का समाधान

 

दरअसल, राज्य सरकार द्वारा सस्ती फीस में मेडिकल करने वाले छात्रों से बॉन्ड भरवाया जाता है, जिसके अनुसार पढ़ाई पूरी होने पर ये डॉक्टर्स पहाड़ में अपनी 5 साल सेवा देंगे, लेकिन पढ़ाई पूरी होने के बाद डॉक्टर पहाड़ चढ़ने से इनकार कर देते हैं और हर्जाना भरकर बॉन्ड तोड़ देते हैं। ऐसे में इन छात्रों पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत अब बॉन्ड के नियमों को पहले से ज्यादा सख्त कर दिया है।

यह भी पढ़ें 👉  सीख:SGRRU में 5वें राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह का भव्य आयोजन, छात्रों ने सुरक्षित दवा उपयोग पर दी सीख

 

बता दें कि पूर्व में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें बांडधारी डाक्टरों ने बांड की शर्तों का अनुपालन नहीं किया। इससे राज्य में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में सरकार को मुश्किलें पेश आ रही हैं।

यह भी पढ़ें 👉  डीएम सविन बंसल के नेतृत्व में आपदा प्रभावित गांवों में राहत कार्य तेजी से जारी

SGRRU Classified Ad

The Latest

To Top