उत्तराखंड

यदि पतंजलि में उपचार के लिए कर रहे हैं ऑनलाइन बुकिंग, तो यहां दीजिए ध्यान, वरना हो जायेंगे ठगी के शिकार

साइबर ठग लोगों को ठगने का नया तरीका ढूंढते ही रहते हैं। अक्सर शरीर ठग ऑनलाइन सर्च होने वाली वेबसाइटों पर अपनी पैनी निगाह बनाए रहते हैं। साइबर ठग अधिक सर्च होने वाले वेबसाइट के नामों से मिलती जुलती साइट बना लेते हैं। ऐसे ही पतंजलि के साथ भी हुआ है। साइबर ठगों ने पतंजलि के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट बनाई हैं। यदि आप भी पतंजलि हरिद्वार में उपचार करवाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा रहे हैं तो अधिकृत वेबसाइट और सही नंबरों की जानकारी जरूर ले लें। ऑनलाइन वेबसाइट और नंबर सर्च करने लगे तो साइबर ठगों के जाल में फंसकर रकम गंवा सकते हैं।

 

साइबर ठगों के पड़ताल में जुटी टीमें 

ठगी की शिकायतों से बुकिंग कराने वाले ही नहीं, बल्कि पतंजलि प्रबंधन भी परेशान है। पतंजलि के नाम पर ठगी रोकने को हरिद्वार साइबर क्राइम सेल और एसओजी की टीम पड़ताल कर रही हैं। हालांकि, अभी तक टीमों के हाथ साइबर ठगों का कोई पुख्ता सबूत नहीं लगा है। हालांकि झारखंड के जामताड़ा और राजस्थान के भरतपुर से शातिरों द्वारा फर्जी वेबसाइट का संचालन करते हैं।

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पुलिस हाथ अभी तक खाली

एसएसपी अजय सिंह ने योगगुरु स्वामी बाबा रामदेव से मुलाकात कर पतंजलि के नाम से मिलते-जुलते फर्जी साइटों से साइबर ठगी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही थी। एसएसपी ने साइबर क्राइम सेल और सीआईयू को साइबर ठगों की कुंडली खंगालने के निर्देश दिए थे। साइबर ठगों का नेटवर्क झारखंड और राजस्थान से जुड़ा है। हालांकि, इस मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली हैं।

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ऐसे होते हैं ठगी के शिकार

पतंजलि हरिद्वार में देश ही नहीं विदेशों से लोग नेचुरोपैथी इलाज करवाने के लिए आते हैं। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करने पड़ती है। बुकिंग के लिए महीनों तक वेटिंग रहती है। साइबर ठग इसका फायदा उठाते हैं। ठगों ने पतंजलि के नाम से मिलती-जुलती फर्जी साइट बनाई हैं। आम आदमी असली और नकली साइट की पहचान नहीं कर पाता और साइबर ठगों के झांसे में फंसकर रकम गंवा देता है। कई बार साइबर ठग सर्च करने वालों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिंक भेजा जाता है। अपॉइंटमेंट बुकिंग, एंट्री फीस, रूम बुकिंग समेत अन्य कई शुल्क के नाम पर लोगों से रुपये मंगवाते हैं। उसे ठगी का अहसास तब होता है, जब वह हरिद्वार पतंजलि पहुंचता है। उसे बताया जाता है कि उसके नाम से कोई बुकिंग नहीं है। जब पीड़ित बुकिंग और एडवांस जमा की रशीद दिखाता है तो पता चलता है कि उसने साइबर ठगों के झांसे में फंसकर रकम गंवाई है। बाद में ठगों के नंबर बंद हो जाते हैं। बाद में लोगों को ठगी का पता चलता है। बड़े नेताओं से लेकर कई कारोबारी ठगों के जाल में फंस चुके हैं।

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पतंजलि योगपीठ (वैलनेस ट्रीटमेंट) की अधिकृत वेबसाइट और नंबर

 

पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट और नंबर

www.patanjaliwellness.com और 8954666111

www.yoggram.divyayoga.com एवं मोबाइल नंबर 89546 66222

www.niramayam.divyayoga.com एवं मोबाइल नंबर 89546 66333

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