उत्तराखंड

गजब: यहां स्वास्थ्य विभाग ने देना है करोड़ों का बिल, बिजली विभाग क्यों है शिथिल

ऋषिकेश: प्रदेश में बकाया बिल वसूली को लेकर बिजली विभाग दोहरा रवैया अपना रही है। इसमें बिजली बिल जमा नहीं करने वाले आम उपभोक्ताओं से तो वसूली की गई है। बिल न भरने पर विभाग ने कई लोगों के बिजली कनेक्शन काट दिए। वहीं सालभर से करोड़ों रुपए बकाया नहीं चुकाने के बावजूद भी सरकारी विभाग का बिजली कनेक्शन नहीं काटा जा रहा है। इससे बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहा है। तो वहीं अस्थायी कोविड केयर सेंटर में करोड़ों रुपए की बिजली फूंकने के बाद स्वास्थ्य महकमा अब निगम को करोड़ों रुपए का बकाया चुकाने को तैयार नहीं दिख रहा है।

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मीडिया रिपोर्टस के अनुसार राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने बीते साल IDPL में कोरोना काल के समय अस्थायी कोविड केयर सेंटर स्थापित किया था। इस केंद्र में बिजली सप्लाई से लेकर खपत में पांच करोड़ रुपए से ज्यादा का बिल बना है।  दो करोड़ रुपए की धनराशि चिट्ठीबाजी होने के बाद बमुश्किल ऊर्जा को निगम को डीएम देहरादून के माध्यम से मिले। जबकि, तीन करोड़ 77 लाख रुपए अभी तक बकाया है। बताया जा रहा है कि निगम की स्थानीय डिवीजन के अफसर 10 बार CMO देहरादून को बकाया भुगतान के बाबत चिट्ठी भेज चुके हैं, मगर अभीतक निगम को एक फूटी कौड़ी भी जारी नहीं की गई है।

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वहीं ऊर्जा निगम ने रूड़की के 47 उपभोक्ताओं के बकाया जमा नहीं करने पर आरसी जारी कर दी है। इन उपभोक्ताओं पर निगम का करीब 23 लाख रुपये से भी ज्यादा बकाया चल रहा था। सरचार्ज माफी योजना के तहत भी बकाया नहीं जमा करने पर निगम ने अब आरसी जारी करने का काम शुरू कर दिया है।

विभाग की इस कार्रवाई से सवाल उठ रहे है कि क्या बिजली विभाग द्वारा सरकारी विभागों को महज नोटिस भेज खाना पूर्ति ही की जाती रहेगी। क्या करोड़ों रुपए बकाया होने के बावजूद भी  इनके कनेक्शन न काटना। बिजली विभाग शासकीय विभागों को शह देने का काम नहीं करता है?
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