उत्तराखंड

49वें दिन भी अडिग रहा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक आंदोलन

हरिद्वार, 24 अगस्त — गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय में चल रहा कर्मचारियों का आंदोलन शनिवार को 49वें दिन भी जारी रहा। कर्मचारियों ने पूर्ण तन्मयता और एकजुटता के साथ धरने में भाग लिया। आंदोलन को विभिन्न राजनैतिक संगठनों और समाजिक संस्थाओं का भी समर्थन प्राप्त हो रहा है, जिससे धरने को और अधिक बल मिला है।

धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज ने कहा कि विश्वविद्यालय को बचाने और स्वामी श्रद्धानंद महाराज के सपनों को साकार करने के लिए कर्मचारी दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “संस्था को पुनर्जीवित करने में कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा ही असली ताकत है। यह आंदोलन सिर्फ एक धरना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और वैचारिक यात्रा है, जिसे स्वामी श्रद्धानंद महाराज की प्रेरणा से संचालित किया जा रहा है।”

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यूनियन के महामंत्री नरेंद्र मलिक ने विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि गुरुकुल कांगड़ी को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने में यहां के विद्वान गुरुओं का अभूतपूर्व योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि “यह बात संसद की कार्यवाही में भी दर्ज है और उच्च न्यायालय में भी प्रमाणित की गई है। यह संस्था केवल एक शैक्षणिक केंद्र नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला रही है।”

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धरने के दौरान कर्मचारियों की भारी उपस्थिति देखने को मिली। इस अवसर पर शत्रुघन झा, चरण जीत, अश्वनी कुमार, अर्जुन सिंह, संजीव मिश्रा, राजपाल सिंह, अनिरुद्ध यादव, संजय कुमार, दीपक नेगी, वीरेंद्र पटवाल, किशन कुमार, मोहन दादा, भारत सिंह, मनोज कुमार सहित सैकड़ों कर्मचारी धरना स्थल पर मौजूद रहे।

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धरने के आयोजकों ने बताया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया जाता और विश्वविद्यालय की गरिमा एवं स्वायत्तता की रक्षा नहीं हो जाती।

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