देहरादून। भ्रष्टाचार में लिप्त पूर्व IFS अधिकारी किशनचंद को गिरफ्तार कर लिया गया है। विजिलेंस की टीम ने गाजियाबाद के वैशाली से किशनचंद को गिरफ्तार किया है। बता दें कि किशनचंद जिम कार्बेट नेशनल पार्क के कालागढ़ डिवीजन के पाखरों रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व निर्माण के मुख्य आरोपित हैं।
आज कोर्ट में होगी पेशी
पूर्व IFS अधिकारी किशन चंद लंबे समय से फरार चल रहे थे, जिनको गिरफ्तार कर विजिलेंस को बड़ी सफलता हासिल की है। वहीं आज निलंबित आईएफएस किशनचंद को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति
बता दें कि विजिलेंस टीम ने पूर्व आईएफएस अधिकारी किशन चंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि किशन चंद ने अपनी आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की है। यही नहीं, विजिलेंस ने 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी किया है। इस संपत्ति में किशन चंद की सात करोड़ की संपत्ति है, जबकि ज्यादातर संपत्ति परिजनों के नाम खरीदी गई है।
फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को किया भुगतान
किशनचंद पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की कालागढ़ रेंज में तैनाती के दौरान मोरघट्टी और पाखरो में अवैध तरीके से निर्माण कार्य कराने, हरे पेड़ों के कटान, सरकारी धन के दुरुपयोग और फर्जी बिल बनाकर ठेकेदारों को भुगतान करने के आरोप हैं। मामले में दो आइएफएस अधिकारियों को निलंबित किया गया था। जिसमें जेएस सुहाग और कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के तत्कालीन डीएफओ किशन चंद शामिल थे।
कार्य के लिए नहीं ली कोई स्वीकृति
चौकाने वाली बात ये थी कि इतने बड़े कार्य के लिए वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति तक नहीं ली गई। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा निरीक्षण के दौरान ये मामला प्रकाश में आया था। अगस्त 2022 में हल्द्वानी सेक्टर की विजिलेंस में पूर्व आइएफएस किशन चंद व रेंजर बृज बिहारी शर्मा पर प्राथमिकी की थी। रेंजर की गिरफ्तारी के बाद किशन चंद फरार हो गया था। एक दिन पहले विजिलेंस ने उसके घर व स्टोन क्रशर में कुर्की का नोटिस चस्पा किया था। शुक्रवार की देर रात विजिलेंस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।




