उत्तराखंड

उत्तराखंड में इस बार कम बारिश, गहरा सकता है पेयजल संकट!

सर्दियों में बेहद कम बारिश-बर्फबारी के कारण गर्मी से पहले ही प्रदेश में जल संकट गहरा सकता है। पहाड़ों पर समय से पहले जल संकट की नौबत आ गई है। बढ़ते तापमान के साथ हालात और भी बिगड़ सकते हैं। प्रदेश में करीब ढाई हज़ार प्राकृतिक जल स्रोत पहले ही सूखने की कगार पर हैं। ऐसे में इस सीजन में कम बारिश होना प्रदेशवासियों की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

 

सीजन में 62% कम बारिश

यह भी पढ़ें 👉  प्रतीक कालिया बने भाजपा के नए जिला महामंत्री, संगठन में बढ़ा जोश

बता दें कि इस बार सर्दी के मौसम में 62 प्रतिशत कम बारिश हुई है। ये आंकड़ा एक जनवरी से 27 फरवरी के बीच का है। वहीं सबसे कम बारिश अल्मोड़ा में हुई है। यहां सामान्य से 76% कम बारिश होने से पेयजल का संकट ज्यादा गहरा सकता है।

 

जल संस्थान मुस्तैद

ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि इस रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ेगी जिससे प्रदेशभर में आने वाले दिनों में जल स्रोतों के सूखने का आंकड़ा और बढ़ सकता है, जिससे पानी का बड़ा संकट पैदा होगा। इसे देखते हुए जल संस्थान ने प्रदेश के सभी डिवीजनों को उनके क्षेत्रों के संभावित संकटग्रस्त क्षेत्रों का ब्योरा और जल संकट से निपटने के इंतजामों का प्लान मांगा है। जल संकट से निपटने के इंतजामों की तैयारी मार्च से शुरू होती थी। 15 मई से 15 जून का समय पेयजल सप्लाई के लिहाज से संवेदनशील होता था। लेकिन इस साल बारिश की बेरुखी के चलते पेयजल स्रोत आधारित योजनाओं में पानी कम होने की आशंका पैदा हो गई है। संकट को देखते हुए सीजीएम जल संस्थान की ओर से सभी डिवीजनों को किन क्षेत्रों में टैंकर से पानी बांट कर काम चल सकता है, उनको चिह्नित करने को कहा गया है। पहाड़ों में यदि खच्चरों से पानी बांटना होगा, तो उसके लिए भी योजना बनाने को कहा है।

यह भी पढ़ें 👉  महंत इन्दिरेश अस्पताल में विशेषज्ञ बोले – दर्द से निजात की सबसे असरदार राह है फिजियोथेरेपी
SGRRU Classified Ad

The Latest

To Top