उत्तराखंड

कैबिनेट मंत्रियों ने अपने विभाग और विजन को लेकर दिया बड़ा बयान, जानिए किस-की क्या है प्राथमिकता

देहरादूनः उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद पुष्कर सिंह धामी और उनकी कैबिनेट मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। विभाग मिलते ही मंत्रिमंडल एक्शन में नजर आ रहा है। मंत्रियों के बड़े बयान सामने आ रहे है। नवनियुक्त मंत्री सौरभ बहुगुणा ने विभाग मिलते ही संबंधित अधिकारियों की क्लास लेनी शुरू कर दी है। तो वहीं  कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने घाटे में चल रहे विभागों को उबारने का प्रयास करने की बात कही है। साथ ही घोटालो की जांच को प्राथमिकता बताया है। वहीं गणेश जोशी ने भी अपनी प्राथमिकता बताई है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तराखंड के युवा मंत्री सौरभ बहुगुणा विभाग मिलने के साथ ही एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। कल शाम विभागों का आवंटन किया गया था और आज सुबह ही उन्होंने अपने तमाम अधिकारियों को बुलाकर एक इंट्रोडक्शन बैठक ली है।  उन्होंने कहा मत्स्य पालन, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन तीनों एक ही नेचर के डिपार्टमेंट है। इन तीनों विभागों के जरिए वह उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा करेंगे। इस तरह से उन्होंने अपनी कार्य शैली का परिचय एक युवा कैबिनेट मंत्री के रूप में पूरे प्रदेश वासियों को देने की कोशिश की है। वहीं कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने समाज कल्याण विभाग में लगातार चली आ रही अनियमितताओं को लेकर कहा कि उनके संज्ञान में छात्रवृत्ति घोटाले को लेकर मामला आया है। वे जल्द ही वह विभागीय अधिकारियों की बैठक लेने वाले हैं। समाज कल्याण विभाग में हुए तमाम अनियमितताओं को लेकर वह समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने कहा अगर कहीं पर अनियमितता पाई जाती है और जांच की जरूरत पड़ती है तो वह इस मामले की जांच के सख्त आदेश देंगे।

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वहीं दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को सैनिक कल्याण विभाग के साथ-साथ कृषि उद्यान और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों की भी जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अपने विभाग और जिम्मेदारियों पर कहा कि सैनिक कल्याण मंत्रालय में वह पहले भी कई बड़े काम कर चुके हैं और 2023 से पहले पांचवां धाम यानी सैनिक धाम का काम पूरा करना उनका सबसे प्राथमिक लक्ष्य है। वहीं, इसके अलावा उन्होंने कहा कि उपनल को लेकर उन्होंने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि 31 मार्च के बाद उपनल में पंजीकरण की प्रक्रिया गैर सैनिक परिवारों के लिए बंद कर दी जाएगी। यानी कि 1 अप्रैल से उपनल में सामान्य नागरिकों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। उपनल में सिर्फ सैन्य परिवार के लोग ही शामिल होंगे।

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