उत्तराखंड

नकल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई, पहली FIR दर्ज, अभ्यर्थियों ने जताया कानून पर भरोसा

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की ओर से रविवार को प्रदेश में उत्तराखंड पटवारी परीक्षा का आयोजन कराया गया। प्रदेश सरकार के मुताबिक इस परीक्षा में एक लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए। इस दौरान पटवारी परीक्षा लीक होने की अफवाह फैलाई गई। जिसपर एक्शन लेते हुए दो लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है।

बता दें कि पटवारी भर्ती परीक्षा के दौरान उत्तर पुस्तिका की सील खुली होने और इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने के आरोप में पुलिस ने एक अभ्यर्थी, उसके साथियों और न्यूज पोर्टल पर नकल विरोधी कानून के तहत प्रदेश का पहला केस दर्ज किया है। कोतवाली प्रभारी कोतवाली प्रकाश राणा ने बताया कि, राजकीय पॉलटेक्निक लदाड़ी के केंद्र व्यवस्थापक की तहरीर पर परीक्षार्थी अरुण कुमार उसके साथियों और कुछ न्यूज पोर्टल के खिलाफ उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों का निवारण व रोकथाम के उपाय) अध्यादेश 2023 के मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि बड़कोट निवासी अरुण कुमार, उसके साथियों और कुछ न्यूज़ पोर्टल ने पॉलिटेक्निक कॉलेज लदाड़ी में प्रश्नपत्र संबंधी भ्रामक विडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया है।

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नकलरोधी कानून पर अभ्यर्थियों ने जताया भरोसा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर प्रहार की नीति के तहत भर्ती परीक्षाओं में शुचिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए बनाए गए सख्त नकलरोधी कानून पर लेखपाल-पटवारी भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों ने भरोसा जताया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस कानून से नकल माफिया पर अंकुश लगेगा और वह भविष्य में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी का दुस्साहस नहीं कर पाएंगे। नकलरोधी कानून के अस्तित्व में आने के बाद पहली भर्ती परीक्षा के रूप में रविवार को प्रदेशभर में लेखपाल और पटवारी भर्ती परीक्षा हुई।

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