शिमला: देशभर में इन दिनों माहौल गर्म चल रहा है। जगह-जगह हिंसा और तनाव की खबरे सामने आ रही है। इन सबके बीच बड़ी हिमाचल प्रदेश से आ रही है। यहां डीजीपी संजय कुंडू ने प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। ये अलर्ट धर्मशाला के तपोवन स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर के गेट के बाहर खालिस्तान झंडे मिलने के बाद घोषित किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश की सीमाएं सील करने का आदेश दिया है। पुलिस सीमा पर कड़ी निगरानी कर रही है। वहीं, होटल, सराय और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है।
डीजीपी संजय कुंडू ने एडीजीपी सीआइडी, आइजी और डीआइजी रेंज, जिलों के एसपी को जारी निर्देश में कहा है कि वह जिलों में अंतरराज्यीय सीमा को सील कर दें। एसपी को सख्त निगरानी करने का निर्देश दिए गए है। खालिस्तान समर्थकों के संभावित ठिकानों जैसे होटल और सराय की कड़ी तलाशी लेने को कहा गया है। बांधों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड ,कस्बों, सरकारी भवनों और अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा कड़ी करने को कहा गया है। निर्देश दिया कि पुलिस अधिकारी सरकारी भवनों की सुरक्षा से जुड़े स्टाफ, चौकीदार, बैंक और पब्लिक सेक्टर के भवनों में कार्यरत कर्मियों को सुरक्षा से संबंधित मामले में जागरूक करें।
उन्होंने प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी यूनिट, बम निरोधक दस्ता और क्विक रिएक्शन टीम को भी हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। इस टीम को बस स्टेशनों, टाउन, सरकारी इमारतों और राष्ट्रीय इमारतों की सुरक्षा पुख्ता करने का आदेश दिया गया है. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस के मुख्य कर्ताधर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू मुख्य आरोपित बनाया गया है। पन्नू ने 6 जून को हिमाचल में खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह पर वोटिंग करवाने की घोषणा की है।
गौरतलब है कि रविवार सुबह धर्मशाला के तपोवन स्थित हिमाचल विधानसभा भवन के बाहर खालिस्तानी झंडे लगाने का मामला सामने आया था। जिसके बाद मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। हालांकि विधानसभा गेट के पास कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। फिर भी पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। विधानसभा की दीवारों पर भी खालिस्तान लिखा गया है। ये झंडे किसने यहां पर लगाए हैं, फिलहाल ये पता नहीं चल पाया है।





