सीता का हुआ जन्म, ताड़का का वध और अहिल्या का उद्धार — श्रीराम लीला मंचन ने मोहा दर्शकों का मन


रायवाला।
लोक कल्याण समिति (रजि.) के तत्वावधान में प्राथमिक विद्यालय, श्रीरामलीला चौक वार्ड नंबर 06, प्रतीत नगर गांव में चल रहे चतुर्थ श्रीरामलीला महोत्सव के चौथे दिन रविवार की रात पौराणिक प्रसंगों से भरपूर तीन मुख्य लीलाओं — सीता जन्म, ताड़का वध और अहिल्या उद्धार — का मंचन किया गया।
मुख्य मंच उद्घोषक एवं समिति प्रवक्ता वीरेन्द्र नौटियाल (वीरू) ने बताया कि रामलीला महोत्सव का धार्मिक एवं सांस्कृतिक सिलसिला लगातार आगे बढ़ रहा है। रविवार की प्रस्तुति में जनकपुरी की भूमि से लेकर ऋषि विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण की यात्रा तक के भावनात्मक दृश्य जीवंत कर दिए गए।
प्रथम दृश्य में राजा जनक द्वारा अकाल से मुक्ति के लिए खेत जोतने के दौरान मिट्टी से कन्या सीता का प्रकट होना दर्शाया गया, जिसे दर्शकों ने भाव-विभोर होकर देखा।
द्वितीय दृश्य में राम और लक्ष्मण द्वारा ताड़का वध कर ऋषियों को राक्षसी आतंक से मुक्ति दिलाने की वीरगाथा दिखाई गई।
तृतीय दृश्य में अहिल्या उद्धार का मनोहर प्रसंग मंचित हुआ, जब श्रीराम के चरण स्पर्श से देवी अहिल्या पत्थर से पुनः अपने स्वरूप में आ गईं।
कलाकारों का शानदार अभिनय
श्रीराम की भूमिका सक्षम चमोली, लक्ष्मण सौहार्थ जुगलान, जनक राजेन्द्र रतूड़ी, ताड़का पवन शर्मा, विश्वामित्र सचिन गौड़, अहिल्या सृष्टि पंवार सहित अन्य कलाकारों ने बखूबी निभाई। मंच पर संवाद, संगीत और भावभंगिमाओं ने वातावरण को राममय बना दिया।
समिति के पदाधिकारी और अतिथि
इस अवसर पर लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाधर गौड़, उपाध्यक्ष बालेन्द्र सिंह नेगी, सचिव नरेश थपलियाल, कोषाध्यक्ष मुकेश तिवाड़ी, प्रवक्ता वीरेन्द्र नौटियाल (वीरू), मुख्य निर्देशक महेन्द्र सिंह राणा, महिला कल्याण सचिव अंजु बड़ोला, सह सचिव देवकी सूबेदी, तथा सदस्य नवीन चमोली, आशीष सेमवाल, राजेन्द्र प्रसाद रतूड़ी, बीडीसी सदस्य राजेन्द्र प्रसाद तिवाड़ी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
आगामी लीलाओं को लेकर दर्शकों में उत्साह
समिति ने बताया कि आने वाले दिनों में राम-सीता विवाह, रावण वध और राम राज्याभिषेक जैसे भव्य प्रसंगों का मंचन किया जाएगा, जिसके प्रति ग्रामीणों और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है।








