उत्तराखंड

क्या हाथी मेरा साथी सार्थक होगा,जंगली हाथी नहीं बन पाया पहाड़ में साथी,

नैनीताल: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी चुनाव प्रचार को लेकर डोर टू डोर कैंपेन कर रहे हैं तो वही कुछ नेताओं को पहाड़ों पर प्रचार करने के लिए जाना पड़ रहा है जिसके चलते पहाड़ों पर प्रचार करना एक नेता जी को भारी पड़ता दिखाई दिया। इस बात को कालाढूंगी के बसपा प्रत्याशी सुंदरलाल आर्य से बेहतर भला कौन समझ सकता है।

हाथी का चुनाव चिन्ह लेकर वोट मांगने निकले इन नेताजी को शनिवार को हाथियों ने दौड़ा दिया। नेता जी के साथ-साथ उनके समर्थकों की भी जान पर बन आई थी। सभी ने जैसे-तैसे हाथियों से अपनी जान बचाई। राहत वाली बात ये है कि किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई, हालांकि नेता जी और उनके समर्थक बुरी तरह डरे हुए हैं। चलिए पूरा मामला बताते हैं। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है।

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ऐसे में सभी पार्टियों के नेता और प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। शनिवार को नैनीताल जिले की कालाढूंगी विधानसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी सुंदरलाल आर्य भी प्रचार-प्रसार करने के लिए गए हुए थे। तभी कोटाबाग इलाके में हाथियों का झुंड सड़क पर खड़ा था। हाथियों का झुंड देखकर सब सकपका गए। सबको लगा कि हाथी जल्द ही रास्ते से हट जाएंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा, गाड़ियों को देखकर गजराज का मूड बिगड़ गया और वो लगे सबको दौड़ाने।

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सुंदरलाल आर्य कार में मौजूद अपने काफिले को लेकर पीछे मुड़ गए, लेकिन हाथी काफिले के पीछे भागने लगा। हाथी को कार की तरफ आता देख सबकी सांसें अटक गईं, हालांकि थोड़ी देर गाड़ी के पीछे दौड़ने के बाद गजराज ने यू-टर्न ले लिया। तब कहीं जाकर नेता जी और उनके समर्थकों की जान में जान आई। घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जो कि सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

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