उत्तराखंड

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की भूमि पर कोई समझौता नहीं, टिकैत ने सुनाई खरी-खरी

हरिद्वार। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय की भूमि को बेचने व खुर्द बुर्द नही होने दिया जायेगा। जिन लोगों ने गुरुकुल की जमीन को लेकर किसी प्रकार का कोई लेन देन किया है वह स्वयं को इससे अलग कर लें, नहीं तो उन्हें किसी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। यह उद्गार भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में आन्दोलनरत कर्मचारियों के समर्थन में आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में अपने समर्थकों सहित पहुंचे चौधरी राकेश टिकैत ने कर्मचारियों के धरने का समर्थन करते हुए कहा कि आन्दोलनरत कर्मचारी मध्यम व गरीब वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए समविश्वविद्यालय में भारत सरकार द्वारा जारी यू0जी0सी0 अधिनियम 2023 लागू करने के लिए आन्दोलनरत हैं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा जारी उपरोक्त अधिनियम का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार द्वारा शत प्रतिशत अनुदान मिलने के चलते समविश्वविद्यालय में कुलाधिपति व कुलपति भारत सरकार नियुक्त किए जाने का समर्थन करते हुए कहा कि इससे समविश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक बेहतर कार्य करते हुए बच्चों के लिए पढ़ाई के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के इस आन्दोलन में वह पूर्ण रूप से कर्मचारियों के साथ है। समविश्वविद्यालय के इस विषय को लेकर वह दिल्ली में बैठे आला अधिकारियों को भी पत्र लिखकर जल्द ही गुरुकुल में यू0जी0सी0 अधिनियम 2023 लागू कराने के लिए लिखेंगे।
इस अवसर पर यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज व महामंत्री नरेन्द्र मलिक ने किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत को समविश्वविद्यालय में चल रहे धरने के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अवगत कराया। बैठक को किसान नेता सूबे सिंह ढिल्लो, चौधरी संजय सिंह, जाट महासभा के डी0पी0 सिंह, सुभाष मलिक, शत्रुघ्न झा, छात्र नेता आशु मलिक सहित अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डा0 धर्मेन्द्र बालियान ने किया। इस अवसर पर किसान यूनियन व जाट महासभा के विभिन्न पदाधिकारी व सदस्य तथा समस्त शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। सभा के अन्त में यूनियन के अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत के कर्मचारियों के समर्थन में आने से कर्मचारी आन्दोलन को नई गति व ऊर्जा मिली है।
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