उत्तराखंड

उम्मीद:कृषि कानून रद्द हुआ तो उम्मीद जगी देवस्थानम बोर्ड के रद्द होने की,22 को राजधानी में महापंचायत

देहरादून। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विरोध में चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत की 22 नवंबर को देहरादून में बैठक होगी। जिसमें आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल की अध्यक्षता में हुई तीर्थ पुरोहितों की ऑनलाइन बैठक में यह निर्णय लिया गया।महापंचायत के प्रवक्ता डॉ.बृजेश सती ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर सरकार की ओर से अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के शीतकालीन पूजा स्थलों में जल्द ही देवस्थानम एक्ट के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। आंदोलन की आगामी रणनीति तैयार करने के लिए 22 नवंबर को देहरादून में महापंचायत की बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें देवस्थानम एक्ट के विरोध में महापंचायत की अगली रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।ऑनलाइन बैठक में गंगोत्री मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष महेश सेमवाल, महापंचायत समन्वयक राजेश सेमवाल, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, अनुरुद्ध् उनियाल, केदारनाथ तीर्थ पुरोहित सभा से संतोष त्रिवेदी, अंकुर शुक्ला, सौरभ शुक्ला, तीर्थ प्रसाद त्रिवेदी, बदरीनाथ धाम से ब्रह्म कपाल, तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के अध्यक्ष उमेश सती, बदरीश पंडा पंचायत समिति के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी मौजूद रहे। तीर्थ पुरोहितों में देवस्थानम बोर्ड भंग होने की जगी उम्मीद

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बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, इसी की तर्ज पर उत्तराखंड के चारों धामों में थोपे गए देवस्थानम बोर्ड को भी भंग करने की उम्मीद जगी है। पुरोहितों का मानना है कि बोर्ड के खिलाफ लंबे समय से चल रहे आंदोलन को देखते हुए उत्तराखंड सरकार भी देवस्थानम प्रबंधन एक्ट 2019 को वापस लेगी। चारधाम महापंचायत के प्रवक्ता डा. बृजेश सती का कहना है कि चारों धामों के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी पिछले 23 माह से एक्ट के विरोध में आंदोलनरत हैं। उन्हें उम्मीद है कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है, उसी तर्ज पर उत्तराखंड सरकार भी देवस्थानम एक्ट को वापस लेगी।

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बद्रीश पंचायत के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी का कहना है कि अब उनकी उम्मीदों पर भी जल्द सरकार कोई फैसला लेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद बद्रीश पंचायत के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी और डिमरी पंचायत के उपाध्यक्ष श्रीराम डिमरी का कहना है कि सरकार के कृषि कानूनों को वापस लेने से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की उनकी उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। उन्हें पूरी उम्मीद है कि उत्तराखंड सरकार आगामी विधानसभा सत्र में बोर्ड को भंग कर देगी।

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