उत्तराखंड

खटीमा में बाघ का आतंक, घरों में दुबकने को मजबूर हुए लोग

उधमसिंह नगर जिले के सीमांत इलाके खटीमा में इन दिनों बाघ की दस्तक से लोग डरे हुए हैं। हालत ये है कि बाघ के डर से शाम होते ही ग्रामीण घरों में दुबकने को मजबूर हैं। ग्रामीण कई बार वन विभाग और प्रशासन से इलाके में पिंजरे लगाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।

दरअसल, कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर जंगली जानवरों की चहलकदमी लगातार देखने को मिलती है। लेकिन इन दिनों बाघ की दस्तक ने झाऊपरसा और बगुलिया गांव में लोगों को डर के साए में जीने को मजूबर कर दिया है। आलम ये है कि महिलाएं खेतों में मवेशियों के लिए चारा लेने नहीं जा पा रही हैं। बता दें कि झाऊपरसा और बगुलिया गांव में बाघ कई लोगों पर हमला भी कर चुका है।

वहीं अब ग्रामीणों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर उन्हें बाघ के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है। इस कड़ी में ग्रामीणों ने मंगलवार 16 मई को उप जिला अधिकारी खटीमा रविंद्र सिंह बिष्ट का घेराव किया। ग्रामीणों ने उप जिला अधिकारी को दिए अपने ज्ञापन में कहा कि बाघ अभी तक कई लोगों पर हमला भी कर चुका है। कई बार तो बाघ गांव में भी देखा जा चुका है। बाघ के डर से लोग अपने बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज रहे हैं। सभी लोग बाघ के डर के साए में जीने को मजबूर हैं।

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